मेरठ: उत्तर प्रदेश के ज़िला मेरठ का मंगतपुरम इलाक़ा इन दिनों काफ़ी सुर्ख़ियों में है। यहां 400 हिंदू परिवारों के ईसाई धर्म में कथित धर्मांतरण की शिकायत मेरठ पुलिस से की गई है। इसके बाद पुलिस ने तीन महिलाओं सहित नौ लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया है।
पुलिस शिकायत में पीड़ित ने आरोप लगाया कि उन्हें हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों को हटाने के लिए मजबूर किया गया। प्राथमिकी के अनुसार, आरोपी, जिसने लोगों को अवैध रूप से दूसरे धर्मों में धर्मांतरण के लिए मजबूर किया वो कोविड -19 महामारी के दौरान पीड़ितों के संपर्क में आया था।
पीड़ित शुक्रवार को एक भाजपा नेता को लेकर ब्रह्मपुत्र थाने पहुंचे और कहा कि आरोपितों ने उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए पैसे और खाने का लालच दिया। उन्होंने कहा कि अब यह लोग ग्रामीणों को हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों और चित्रों को हटाने और ईसाई धर्म स्वीकार करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। प्राथमिकी में नामजद आरोपी छबीली उर्फ शिवा, बिनवा, अनिल, सरदार, निक्कू, बसंत, प्रेमा, तितली और रानी हैं।
घर में घुसकर देवी-देवताओं की मूर्तियां तोड़ने का आरोप
शिकायतकर्ताओं ने पुलिस को बताया कि हमें धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला गया और हमारे आधार कार्ड पर अपना नाम बदलने के लिए कहा गया। जब हम दिवाली के दिन पूजा कर रहे थे तो आरोपी हमारे घरों में घुस गए और देवताओं की मूर्तियों को तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि जब आपने धर्म परिवर्तन किया है तो ऐसा क्यों कर रहे हैं? जब हमने इसका विरोध किया तो उन्होंने हमें जान से मारने की धमकी दी।
एसपी पीयूष सिंह ने कहा कि शुक्रवार को कुछ लोगों ने हमारे कार्यालय पहुंचकर अर्जी दी। उसमें आरोप लगाया गया है कि दूसरे धर्म के लोग मालिन गांव के लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन कराना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पूरे मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में भी तीन महीने पहले धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया था। यहां आरोप लगाया गया था कि गाय-भैंस और मकान दिलाकर धर्म परिवर्तन का लालच दिया जा रहा है।
20-25 साल पहले बाराबंकी से आए थे दस लोग
पुलिस के अनुसार 20-25 साल पहले बारांबकी से दस लोग मंगतपुरम आए और खाली पड़े प्लॉट में झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रहने लगे। हालांकि अब इनकी संख्या 400 से ज्यादा बताई जा रही है। कोरोना में लगे लॉकडाउन में खाने पीने की चीजों की दिक्कत हुई तो इन लोगों की मदद के लिए दिल्ली के महेश पासचर पहुंचे, जो क्रिश्चियन बताए गए। आरोप है कि इन्होंने ही हिंदू परिवारों को भरोसे में लेकर उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए गुमराह किया। अभी तक करीब 400 लोगों का धर्मांतरण करा चुके हैं। इतना ही नहीं धर्मांतरण के कई लोगों को अब विदेशों से फंडिंग कर उनकी जरूरतों का सामान वितरण किया जा रहा है। इसका पर्दाफाश दिवाली के दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा करने को लेकर विवाद होने के बाद हुआ। इस मामले में नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। शनिवार को पुलिस ने दो महिलाओं को भी हिरासत में लिया है और बाकियों को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है।
जमीन पर कब्जा करने के लिए दो लोगों के बने है गुट
इस पूरे प्रकरण को लेकर सीओ ब्रह्मपुरी बृजेश सिंह का कहना है कि मंगतपुरम में महंगी जमीन पर झुग्गी-झोपड़ी खाली कराने के लिए कई बार पुलिस प्रशासन के पास प्रार्थना पत्र पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि जांच में सामने आया कि इस जमीन पर कब्जा करने के लिए दो लोगों के गुट बन गए हैं। इस एक गुट ने साजिशन धर्मांतरण का मामला सामने आया है। इसको लेकर कुछ लोगों के बयान में यह बात सामने आई है। आगे कहते है कि पुलिस फिलहाल इस बिंदु पर जांच कर रही है। जिन पर भी मुकदमा दर्ज है, उनकी तलाश के लिए दबिश जारी है। फिलहाल पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।