चंडीगढ़
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार थम गया है । अब 90 सीटों के लिए मतदान 5 अक्टूबर को होने जा रहा है । हरियाणा चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा-कांग्रेस में है। लेकिन, कुछ सीटों पर निर्दलीय और कांग्रेस-भाजपा के बागियों ने चुनाव दिलचस्प बना दिया है। वहीं हरियाणा में 30 से ज्यादा सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष बना हुआ है। इस पूरे चुनाव में जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दे ही केंद्र में है। यदि जातिगत समीकरणों के लिहाज से देखें ती राज्य की आबादी में 221% हिस्सेदासी रखने वाला एससी बोट महत्वपूर्ण और निर्णायक हो गया है।
जहां कांग्रेस तगड़ी चुनौती पेश कर रही है. वहीं भाजपा ने मोदी की 4. शाह व योगी की 6-6 सभाएं कराकर पूरी ताकत लगा दी है। हालांकि इन सबसे इतर निर्दलीय और दोनों बड़े दलों के बागियों ने मुकाबला रोचक कर दिया है। बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा रहा, जिसे दोनों दलों ने अपने-अपने हिसाब से उठाया। महंगाई और स्थानीय मुद्दे जैसे परिवार पहचान पत्र, सम्पति आईडी, सड़क, पानी भी चर्चा में रहे। किसान, जवान और पहलवान के मुद्दे की गूंज तो बहुत रही, लेकिन इन पर पार्टियां अपने घोषणा पत्रों से इस ज्यादा कुछ नहीं कह पाई। अब 5 अक्टूबर को पता चलेगा कि हरियाणा के रण में मतदान का मन किसकी तरफ जाता है । वहीं 8 अक्टूबर को मतगणना होगी ।
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