सुनक ने ऐसे समय पर ब्रिटेन का शासन संभाला है, जब उस देश में महंगाई आसमान छू रही है, आर्थिक वृद्धि की रफ्तार थम सी गई है, देश की मुद्रा कमजोर हो रही है और उनकी कंजरवेटिव पार्टी आतंरिक कलह से बेहाल है। सुनक ब्रिटेन के 57वें और इस वर्ष के तीसरे प्रधानमंत्री हैं। पहले बोरिस जानसन, फिर लिज ट्रस और अब ऋषि सुनक (Rishi Sunak)का प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठना इस बात का संकेत है कि ब्रिटेन में राजनीतिक हालात कुछ ठीक नहीं हैं और सुनक के सामने अपनी कुर्सी को बचाने के साथ-साथ देश की जनता को भी संकट से निकालने की दोहरी जिम्मेदारी है।
12 मई 1980 को साउथैंम्पटन के सरकारी अस्पताल में जन्मे सुनक 42 बरस के हैं और दो सौ साल में ब्रिटेन के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री हैं। वह अफ्रीका में जन्मे चिकित्सक पिता यशवीर और फार्मासिस्ट मां ऊषा की तीन संतानों में सबसे बड़े हैं। ऋषि के दादा रामदास सुनक अविभाजित भारत के गुजरांवाला में रहते थे, जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान का हिस्सा बना।
वह 1935 में नैरोबी चले गए और वहां नौकरी करने लगे। ऋषि सुनक की दादी सुहाग रानी 1966 में अकेले ब्रिटेन गर्इं और एक वर्ष बाद अपने परिवार को भी वहीं बुला लिया। वह संघर्ष का समय था, लेकिन धीरे धीरे हालात बदले और आज यह आलम है कि ऋषि सुनक का परिवार ब्रिटेन के सबसे धनी 250 परिवारों में शुमार है। वह भारत की शीर्ष आईटी कंपनियों में शामिल इन्फोसिस के मालिक नारायणमूर्ति के दामाद हैं।
उनकी पत्नी अक्षता और उनके पास अपार धन, विशाल घर, हवेली और हर तरह के ऐशो आराम के साथ अब 10 डाउनिंग स्ट्रीट (ब्रिटिश प्रधानमंत्री का सरकारी आवास-सह कार्यालय) भी है। महज सात साल के राजनीतिक करिअर में सांसद से प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे ऋषि सुनक का जीवन किसी परीकथा से कम नहीं है।
उन्होंने आने वाली परेशानियों को समय से पहले भांप लेने और हवा के बदलते रुख के अनुसार फैसले करने की अपनी आदत को उस वक्त भी नहीं छोड़ा जब वे प्रधानमंत्री पद की होड़ में लिज ट्रस से हार गए। वे जानते थे कि ट्रस के फैसले ब्रिटेन की जनता की आर्थिक समस्याओं को बढ़ाएंगे ही और तब वित्त मंत्री के तौर पर उनका तजुर्बा उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचाएगा। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा की बात करें तो ऋषि ने विंकस्टर कालेज से स्कूली पढ़ाई की है, जहां वह हैड ब्वाय रहे। आक्सफर्ड के लिंकन कालेज से उन्होंने फिलास्फी, राजनीति शास्त्र और अर्थशास्त्र में पढ़ाई की। उसके बाद उन्होंने अमेरिका की प्रतिष्ठित स्टेनफर्ड यूनिवर्सिटी से 2006 में एमबीए किया।
पढ़ाई पूरी करने के बाद ऋषि सुनक हेज फंड मैनेजमेंट, चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड मैनेजमेंट और थेलीम पार्टनर्स के साथ काम किया। इसी दौरान 2009 में उन्होंने इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की पुत्री अक्षता मूर्ति के साथ विवाह किया। उनकी दो बेटियां कृष्णा और अनुष्का हैं। वर्ष 2015 में उन्होंने बड़ी मजबूती के साथ राजनीति में कदम रखा और यार्क्स की रिकमंड सीट से सांसद चुने गए।
कोविड के प्रकोप के दौरान पूर्णबंदी के समय ऋषि सुनक प्रधानमंत्री बोरिस जानसन की सरकार में वित विभाग के प्रभारी थे और उन्होंने रोजगार बचाने और उद्योग धंधों को आर्थिक मदद देकर ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को थामे रखने वाले कई लोकलुभावन फैसले करके ब्रिटेन की जनता के दिल में अपने लिए जगह बनानी शुरू कर दी।