अमेरिका के 16 राज्यों ने एलएनजी निर्यात पर प्रतिबंध को लेकर बिडेन प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया
भारत सरकार से सही दिशा में कदम उठाने का अनुरोध करे कांग्रेस : अमेरिकी सांसद
जाने माने शेफ विकास खन्ना न्यूयॉर्क में भारतीय रेस्तरां खोलेंगे
वाशिंगटन
टेक्सास सहित 16 अमेरिकी राज्यों ने बिडेन प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर कर कहा है कि तरलीकृत प्राकृतिक गैस के निर्यात पर प्रतिबंध प्राकृतिक गैस अधिनियम और ऊर्जा विभाग की नीति के खिलाफ है। टेक्सास के अटॉर्नी जनरल केन पैक्सटन ने एक बयान में यह जानकारी दी।
पैक्सटन ने कहा कि “टेक्सास ने लुइसियाना और 14 अन्य राज्यों के साथ मिलकर असंवैधानिक एलएनजी निर्यात प्रतिबंध को निरस्त करने के लिए मुकदमा दायर किया है, जो निर्यात के पक्ष में प्राकृतिक गैस अधिनियम की धारणा, ऊर्जा विभाग की दशकों पूरानी नीति और निर्यात पर राज्य एवं निजी निर्भरता को नजरअंदाज करता है।” जिन राज्यों ने मुकदमा दायर किया है उनमें टेक्सास के अलावा लुइसियाना, मिसिसिपी, अलबामा, अलास्का, आर्कासस, फ्लोरिडा, जॉर्जिया, कंसास, मोंटाना, नेब्रास्का, ओक्लाहोमा, साउथ कैरोलिना, यूटा, वेस्ट वर्जीनिया और व्योमिंग शामिल हैं।
भारत सरकार से सही दिशा में कदम उठाने का अनुरोध करे कांग्रेस : अमेरिकी सांसद
वाशिंगटन,
अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने कहा कि अमेरिकी संसद को भारत सरकार से आतंकवाद रोधी कानूनों समेत उन नीतियों तथा कानूनों पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करना चाहिए जो प्रमुख मानवाधिकार संधियों की अभिपुष्टि के चलते प्राप्त उसके दायित्वों से ''भिन्न'' हैं।
कांग्रेस सदस्य जेम्स मैकगवर्न ने भारत में मानवाधिकारों पर संसद में सुनवाई के दौरान कहा कि भारत में अगले पांच साल के लिए देश की राजनीतिक दिशा तय करने के वास्ते 19 अप्रैल को आम चुनाव शुरू हो जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीसरा कार्यकाल हासिल की कोशिश में हैं।
उन्होंने कहा, ''मैं उन लोगों में से हूं जो सोचते हैं कि मित्रों को एक-दूसरे को कड़वी सच्चाई बतानी चाहिए। भारत एक मित्र है और अमेरिका के लिए यह वास्तव में महत्वपूर्ण है कि भारत समृद्ध हो। फिर भी एक वास्तविक खतरा है कि अगर मानवाधिकार हनन पर ध्यान नहीं दिया गया तो विविध समाजों में निहित तनाव खतरनाक संघर्ष में बदल सकता है और भारत के उज्ज्वल भविष्य को कमजोर कर सकता है।''
मैकगवर्न ने कहा, ''मणिपुर राज्य में जातीय हिंदू और ईसाई समुदायों के बीच हाल की साम्प्रदायिक हिंसा महज एक उदाहरण है। कांग्रेस को भारत सरकार से सही दिशा में कदम उठाने और आतंकवाद रोधी कानूनों समेत उन नीतियों तथा कानूनों पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करना चाहिए जो प्रमुख मानवाधिकार संधियों की अभिपुष्टि के चलते प्राप्त उसके दायित्वों से ''भिन्न'' हैं।
'अमेरिकन बार एसोसिएशन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स' के कानूनी सलाहकार वारिस हुसैन ने बताया कि कांग्रेस को इन चिंताओं के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति को सीधे प्रधानमंत्री मोदी से बात करने के लिए उन पर और अधिक मजबूती से दबाव बनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी ही हैं जिनके पास अपनी सरकार, पार्टी को उनकी 'जहरीली बयानबाजी तथा उनके अपमानजनक कानूनों और नीतियों' के बारे में निर्देश देने की शक्ति है।''
जाने माने शेफ विकास खन्ना न्यूयॉर्क में भारतीय रेस्तरां खोलेंगे
न्यूयॉर्क,
मशहूर शेफ विकास खन्ना भारत की समृद्ध पाक संस्कृति को पेश करने और पीढ़ियों का ''पालन-पोषण करने वाली माताओं'' के सम्मान में न्यूयॉर्क के मैनहट्टन में एक भारतीय रेस्तरां खोलेंगे
'बंग्लो' नाम के इस रेस्तरां के उद्घाटन से पहले भारतीय शेफ खन्ना ने एक समाचार एजेंसी से कहा, ''रेस्तरां का मतलब केवल भोजन होता है, लेकिन न्यूयॉर्क में इनका मतलब केवल भोजन से ही नहीं, बल्कि विरासत से भी है क्योंकि यहां कई संस्कृतियों का संयोजन है।''
खन्ना ने कहा कि भारत की ''संस्कृति और व्यंजनों का इस देश में भी जश्न मनाया जाना चाहिए'' और 'बंग्लो' प्रवासी भारतीयों के साथ-साथ भारतीय-अमेरिकी बच्चों की अगली पीढ़ी को जोड़ने वाला ऐसा ''घर'' होगा, जो उन्हें भारत की सांस्कृतिक जड़ों और विरासत के करीब लाएगा।
उन्होंने कहा, ''मेरे लिए 'बंग्लो' की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह एक ऐसा मंच और माध्यम होगा जहां प्रवासी बच्चे ''भारतीय संस्कृति, हमारे भोजन, हमारे उत्सवों से जुड़ सकते हैं।''
इस रेस्तरां के जरिए खन्ना अपनी दिवंगत बहन राधिका के जीवन और विरासत को भी श्रद्धांजलि देंगे। राधिका इस 23 तारीख को 50 वर्ष की हो जातीं। उनकी याद में रेस्तरां के उद्घाटन के दिन 23 मार्च को ही चुना गया है।
उन्होंने कहा कि इस रेस्तरां की ''वास्तुकला 'नानी' और 'दादी' के उस घर जैसी दिखती है'' जो भावनाओं से जुड़ा होता है, जहां किसी को पढ़ाई नहीं करनी होती और वहां केवल अच्छा भोजन, जश्न और प्यार होता है। उन्होंने कहा, ''इसलिए मैं उस संस्कृति का निर्माण करना चाहता था। यह उस संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने का एक अद्भुत तरीका है, जिसे भुला दिया गया है।''
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