भोपाल
लहसुन (Garlic) की कीमत में आई जबरदस्त तेजी ने लोगों के खाने का जायका बिगाड़ना शुरू कर दिया है. हालत ये है कि लहसुन की कीमत काजू को टक्कर दे रही है. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बैकुंठपुर (Baikunthpur) और मनेंद्रगढ़ चिरमिरी खड़गवां सहित आसपास के इलाकों में लहसुन 400 से 600 रुपये किलो बिक रही है.
एक महीने में 300 प्रतिशत की वृद्धि
लहसुन लगभग महीने भर पहले 200 रुपये किलो बिक रहा था, लेकिन नई फंस आने के बाद कीमत कम होने के बजाए बढ़ती ही जा रही है. सब्जी व्यवसाय राज कुशवाहा के मुताबिक जनवरी में लहसुन की कीमत 200 रुपये किलो के करीब थी, जो अब 600 को पार कर चुकी है. सब्जी का जायका बढ़ाने वाला लहसुन, अब आम लोगों की पहुंच से बाहर होता दिख रहा है. लोगों का कहना है कि लहसुन की कीमत इस वक्त काजू की कीमत को टक्कर दे रही है. ऐसे में नॉनवेज के शौकीनों को भी मटन से महंगे लहसुन खरीदना पड़ रहा है.
थोक के भाव में भी जबरदस्त उछाल
लहसुन की कीमत बढ़ने से परेशान ज्यादातर लोगों ने अब लहसुन खाना ही छोड़ दिया है. वहीं, लहसुन की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए प्रशासन भी एक्टिव नहीं है. सब्जी व्यापारी राज कुशवाहा बताते हैं कि पहले लहसुन 150 से लेकर 200 रुपए प्रति किलो तक बेचते थे. लहसुन का सीजन नहीं होने पर कीमत कभी-कभार ही बढ़ती थी, लेकिन इस बार थोक के भाव में भी लहसुन करीब 421 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है. इस कारण फुटकर बाजार में इसकी कीमत 600 के पार हो चुकी. पिछले शनिवार से बाजार में नया लहसुन आने लगा है, लेकिन नई लहसुन की भी कीमतें आसमान छू रही है. थोक विक्रेताओं को यह करीब 350 रुपए प्रति किलो मिल रहा है. इस कारण नई लहसुन की भी फुटकर कीमत 400 रुपए प्रति किलो पहुंच गई है. उन्होंने बताया कि फरवरी के बाद लहसुन की कीमतें कम होने की संभावना है.
अदरक और नींबू भी है रेस में
इन दिनों सिर्फ लहसुन ही नहीं, अदरक और नींबू भी अपने तेवर दिखा रहे हैं. बाजार में नया अदरक आना शुरू हो चुका है, जिसकी कीमत सामान्य से लगभग चार गुना बढ़कर बाजार में आ रही है। सब्जी व्यवसाय बताते हैं कि नए अदरक की कीमत 40 रुपए प्रति किलो होती थी लेकिन अब नए अदरक बाजार में 160 रुपए प्रति किलो बिक रहे हैं। अदरक थोक में खरीदने पर भी यह ₹100 प्रति किलो मिल रहा है। नींबू की थोक कीमत भी 85 रुपए प्रति किलो मिल रही है। जिस कारण फुटकर बाजार में लोगों को प्रति नींबू के लिए 10 रुपए की कीमत चुकानी पड़ रही है.
इसलिए बढ़े लहसुन के दाम
दरअसल, पिछले वर्ष लहसुन की कीमत बाजार में बेहद कम मिला था, जिसकी वजह से किसानों ने नाराज हो कर इस साल लहसुन का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में कम कर दी है. यही कारण है कि बाजार में लहसुन की शॉर्टेज हो गई. इस कारण लहसुन की कीमतों में काफी उछाल देखने को मिल रहा है.
लहसुन की अचानक कीमत बढ़ने को लेकर क्षेत्र के किसान अमित कुमार गुप्ता ने बताया कि पिछले साल ज्यादातर किसानों ने लहसुन की खेती की थी. इसकी वजह से उत्पादन ज्यादा होने से लहसुन की कीमत बाजार में बेहद कम मिला, जिसकी वजह से किसानों ने नाराज हो कर इस साल लहसुन का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में कम कर दी. यही कारण है कि बाजार में लहसुन की शॉर्टेज हो गई. इस कारण लहसुन की कीमतों में काफी उछाल देखने को मिल रहा है. दरअसल, बाजार में लहसुन की आपूर्ति मध्य प्रदेश से होती है. पिछले वर्ष यहां लहसुन की उत्पादन ज्यादा होने की वजह से किसानों को जब भाव नहीं मिला तो किसानों ने नदी और नालों में अपने फसल का बहा दिया था. पिछले वर्ष थोक में लहसुन का भाव ₹40 प्रति किलो था. वहीं, मंडी भाव तो इससे भी कम था. इससे किसानों को काफी घाटा हुआ था. यही कारण है कि इस बार किसानों ने लहसुन की खेती कम की. यानी पिछले वर्ष किसानों को नाराज करने की कीमत इस वर्ष उपभोक्ता को चुकानी पड़ रही है.
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