सम्पूर्ण प्रदेश में बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए रोडमेप विकसित किया जाए : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, आयुष संस्थाओं और निजी अस्पतालों को जोड़कर बनाएं कार्य योजना : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
स्वास्थ्य संस्थाओं के निरीक्षण के लिए उड़न दस्तों का गठन किया जाए : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
वृद्धजन या अकेले रहने वालों को आपातकालीन स्थिति में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्था की जाए
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली
भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा, आयुष संस्थाओं तथा निजी अस्पतालों को समन्वित करते हुए प्रदेश के सभी जिलों और विकासखंडों में बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए रोडमेप विकसित किया जाए। चिकित्सकों और पेरामेडिकल स्टाफ की पदपूर्ति के लिए भी कार्ययोजना बनाई जाए। प्रदेश के स्वास्थ्य सूचकांकों में सुधार के लिए मेडिकल कॉलेजों तथा आयुर्वेदिक महाविद्यालयों को भी लक्ष्य दिए जाएं। निजी संस्थाएं जिन क्षेत्रों में अपने कॉलेज स्थापित कर रही हैं, उन क्षेत्रों के स्वास्थ्य सूचकांकों के सुधार के प्रयासों में इन संस्थाओं को जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारा प्रयास है कि प्रदेश के सभी 29 लोकसभा क्षेत्रों में एक-एक मेडिकल कॉलेज विकसित हो और समय के साथ प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज आरंभ किया जाएगा। प्रदेश में आदर्श स्वास्थ्य व्यवस्था स्थापित कर हम देश में सर्वश्रेष्ठ उदाहरण स्थापित करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
बैठक में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा के अंतर्गत जारी गतिविधियों और आगामी योजनाओं पर प्रस्तुतिकरण दिया गया।
बेहतर सेवाएं देने वाले पेरामेडिकल स्टाफ, डॉक्टर्स, स्वास्थ्य संस्थाओं को पुरस्कृत किया जाए
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनसामान्य को दी जा रही सुविधाएं, जरूरतमंद को बिना कठिनाई के मिले यह सुनिश्चित करना आवश्यक है। जिला चिकित्सालय से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक व्यवस्था में विकृतियां पैदा नहीं हों, इस पर नजर रखना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य संस्थाओं के निरीक्षण के लिए उड़न दस्ते के गठन की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अमले में सक्रियता और लोगों की सेवा के लिए समर्पण की भावना बनी रहे, इस उद्देश्य से अमले के निरंतर प्रोत्साहन के प्रयास हों। बेहतर सेवाएं देने वाले पेरामेडिकल स्टाफ, डाक्टर्स और स्वास्थ्य संस्थाओं को पुरस्कृत और सम्मानित करने की व्यवस्था स्थापित की जाए।
शासकीय अस्पतालों में नि:शुल्क शव वाहन की व्यवस्था हो
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वृद्धजन या अकेले रहने वालों को आपातकालीन स्थिति में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए व्यवस्था की जाए। उन्होंने संभाग और जिला स्तरीय शासकीय अस्पतालों में कैथलेब स्थापित करने की आवश्यकता बताई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शासकीय अस्पतालों में मृत्यु होने पर शव वाहन उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जाए। जरूरत होने पर रेडक्रास, रोगी कल्याण समिति अथवा सिविल सर्जन, संबंधित परिजनों को नि:शुल्क शव वाहन उपलब्ध कराएं।
स्वास्थ्य कार्यक्रमों से संबंधित विषयों पर हुई चर्चा
बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, अस्पतालों के भवनों, उपलब्ध मानव संसाधन, महत्वपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रमों, अस्पतालों में पीपीपी मोड पर संचालित सेवाओं, आयुष्मान भारत, पीएम-जय, चिकित्सा महाविद्यालयों तथा नर्सिंग कॉलेजों से संबंधित विषयों और हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के विस्तार पर चर्चा हुई।
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