December 23, 2024

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यूएई की जेलों से पांच भारतीयों को छोड़ा, भड़के पाकिस्तानी, अपने नेताओं को कोसा

इस्लामाबाद
कतर की जेल में बंद भारतीय नेवी के रिटायर्ड अधिकारियों को कुछ दिनों पहले रिहा किया गया था। अब यूएई ने भी कुछ भारतीयों को छोड़ा है। दुबई की जेल में 18 साल की सजा काटने के बाद तेलंगाना के पांच लोगों को रिहा कर दिया गया। एक नेपाली नागरिक की मौत के मामले में यह जेल में थे। पांच लोग एक बिल्डिंग में काम कर रहे थे। उसी बिल्डिंग के गार्ड नेपाल के बहादुर सिंह की हत्या के मामले में इन्हें सजा मिली थी। पहले इन्हें 10 साल की जेल हुई। फिर अपील के बाद इसे 25 साल कर दिया गया। अब इन्हें मिली माफी से पाकिस्तान की अवाम हैरान है।

पाकिस्तान की यूट्यूबर सना अमजद ने लोगों से इस पर बात की। उन्होंने पूछा कि आखिर ये इस्लामिक देश भारत से इतनी दोस्ती क्यों बढ़ा रहे हैं। वह अपनी धरती पर मंदिर क्यों बना रहे हैं? इस पर एक शख्स ने दावा किया कि मंदिरों में बढ़ चढ़कर दान आएगा, इसलिए यूएई ने उन्हें बनाया है। उन्होंने आगे कहा कि वह यूएई में रहकर आए हैं और वहां लोग भारतीयों को रखना चाहते हैं, क्योंकि वह पढ़े लिखे होते हैं। उन्होंने कहा कि यूएई ने क्लब खोले हुए हैं। क्योंकि उनका लक्ष्य है कि चाहे जहां से बस देश में पैसा आना चाहिए।

यूएई पर भड़के पाकिस्तानी

सना अमजद ने आगे पूछा कि इस्लामिक देश होने के बावजूद यूएई का भारत से काफी अच्छा संबंध है। इसका क्या कारण है? उन्होंने कहा कि यूएई सिर्फ अपना फायदा देखता है। भारत से उन्हें फायदा मिलता है, तो वह उनकी सुनते हैं। सना अमजद ने इस बात का भी जिक्र किया कि कई पाकिस्तानियों को यूएई ने निकाल दिया। इस पर उस शख्स ने कहा कि इसमें पाकिस्तानियों की भी गलती होती है। वहीं एक अन्य शख्स ने कहा कि हमारे नेताओं को भी जेल में फंसे पाकिस्तानियों को बाहर निकालना चाहिए।

'पाकिस्तान के पास नहीं है लीडर'

सज्जाद अहमद नाम के एक शख्स ने बातचीत में पीएम मोदी को लेकर कहा, 'लीडर अपनी पब्लिक के लिए काम करता है और अगर पब्लिक का सपोर्ट हो तो दुनिया बात सुनती है।' यह पूछे जाने पर कि आखिर पाकिस्तान के लोगों को क्यों नहीं निकाला जा सका? इस पर उन्होंने कहा, 'हमारी विदेश नीति क्योंकि आजाद नहीं है। पहले भारत ऐसा नहीं था, लेकिन एक लीडर ने सब बदल दिया। पाकिस्तान में कोई लीडर नहीं है। जिसे लोग चाहते भी हैं, उसे लीडर बनने नहीं दिया जाता।'