नई दिल्ली
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वंदे भारत को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है। जिसका लंबे समय से इंतजार था, वो घड़ी आ गई है। भारत के बाद अब वंदे भारत विदेशी सड़कों पर भी धमाल मचाने जा रही है। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेलवे जल्द ही भारत की वंदे भारत एक्सप्रेस का निर्यात करेगा और इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कई देशों ने रुचि भी दिखाई है। उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय 2025-26 तक वंदे भारत ट्रेन का निर्यात शुरू करने के लिए एक रोडमैप तैयार कर रहा है। हम वंदे भारत ट्रेनों का उत्पादन बढ़ाने के लिए भी काम कर रहे हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 फरवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की लगभग 2000 रेलवे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया। 500 रेलवे स्टेशनों और 1500 अन्य स्थानों से लाखों लोग विकसित भारत विकसित रेलवे कार्यक्रम से जुड़े। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय रेलवे को अपने प्रमुख वंदे भारत इंजनों के निर्यात पर विचार करने के लिए ऑफर मिल रहे हैं। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिकी स्टेट चिली ने वंदे भारत को लेकर दिलचस्पी दिखाई है। अधिकारी के अनुसार, चर्चा हालांकि अभी आदेशों में तब्दील नहीं हुई है।
रेलवे अधिकारी ने बिजनेसलाइन को बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों को टारगेट करते हुए डिज़ाइन में संशोधन करने से पहले प्राथमिकता घरेलू बाज़ार को पूरा करना है। विनिर्माण सुविधा की उपलब्धता भी एक कारक है जिस पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “अभी चिली ने वंदे भारत डिजाइन में कुछ रुचि व्यक्त की है। स्वदेशी डिजाइनों में अंतरराष्ट्रीय रुचि देखना अच्छा है।"
इन देशों में डिमांड
गौरतलब है कि भारत प्रमुख वंदे भारत इंजनों को एक प्रमुख निर्यात पेशकश के रूप में प्रदर्शित करने का प्रयास कर रहा है। लेकिन अभी तक ऑर्डर नहीं दिया गया है। लैटिन अमेरिका और अफ्रीकी देशों ने भी रुचि दिखाई है, विशेष रूप से यहां इलेक्ट्रिक इंजनों की मांग है। बता दें कि 16 कोच वाली वंदे भारत ट्रेन की निर्माण लागत लगभग 130 करोड़ रुपये है।
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