यूपी
यूपी में राज्यसभा चुनाव में जमकर क्रास वोटिगं हुई है। अब तक सपा के सात विधायकों ने क्रास वोटिंग करते हुए भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया है। एनडीए खेमे से भी एक वोट सपा को मिला है। इस बीच मायावती की पार्टी बसपा के इकलौते विधायक उमाशंकर सिंह ने भी भाजपा को वोट दिया है। उमाशंकर सिंह ने भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ को वोट देने के बाद इसका कारण भी बताया। उमाशंकर सिंह ने कहा कि विपक्ष ने मुझसे वोट नहीं मांगा था। भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ ने उनसे वोट मांगा, इसलिए उन्हें वोट दिया गया है।
उमाशंकर सिंह बलिया की रसड़ा सीट से बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। यूपी में बसपा के वह इकलौते विधायक हैं। राज्यसभा चुनाव में भी उमाशंकर सिंह ने भाजपा प्रत्याशी दौपद्री मुर्मू को वोट दिया था। उमाशंकर सिंह की भाजपा के कई नेताओं से नजदीकियों को देखते हुए पहले से ही माना जा रहा था कि उनका वोट संजय सेठ के पक्ष में जा सकता है।
सपा के आठ और बसपा के एक विधायक का वोट भाजपा के पक्ष में जाने से भाजपा सभी प्रत्याशियों का जीतना लगभग तय माना जा रहा है। पहले भाजपा दूसरी वरीयता के आधार पर जीत की कोशिश में लगी थी। अब इतनी बड़ी संख्या में क्रास वोटिंग से माना जा रहा है कि पहली वरीयता में ही उसके सभी प्रत्याशी जीत जाएंगे।
यूपी में राज्यसभा की दस सीटों के लिए 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। भाजपा ने आठ और सपा ने तीन प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। वोटों की गणित में भाजपा को विपक्षी दलों के नौ विधायकों के वोटों की जरूरत थी। सपा को तीन विधायकों के समर्थन से ही अपने तीसरे प्रत्याशी की जीत का भरोसा था। अब आठ विधायकों के पाला बदलने से सपा को बड़ा झटका लगा है। गिनती शुरू होने से पहले ही अखिलेश यादव ने एक तरह से हार भी मान ली है। क्रास वोटिंग करने वाले विधायकों पर कार्रवाई और पार्टी से निकालने की तैयारी की जा रही है।
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