आजमगढ़
आजमगढ़ में इस बार लोकसभा चुनाव दिलचस्प होने वाला है। आजमगढ़ से बसपा नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली समाजवादी पार्टी का दामन थामने जा रहे हैं। जमाली उर्फ शाह आलम के कारण ही पिछले उप चुनाव में समाजवादी पार्टी आजमगढ़ सीट हार गई थी।
मायावती के करीबी नेता बसपा से दो बार रहे मुबारकपुर विधानसभा से विधायक शाह आलम गुड्डू जमाली बसपा से इस्तीफा देकर लगभग 2:00 बजे अखिलेश यादव के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे। शाह आलम गुड्डू जमाली चर्चा में है कि सपा एमएलसी का उम्मीदवार भी बना सकती है।
पिछली बार रहा था त्रिकोणीय मुकाबला
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आजमगढ़ को अपना गढ़ कहते थे लेकिन , 2022 में होने वाले यूपी लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। बीते लोकसभा उपचुनाव में त्रिकोणीय लड़ाई थी बसपा प्रत्याशी दो बार मुबारकपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे गुड्डू जमाली थे, दूसरे प्रत्याशी सपा से बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव थे, तीसरे प्रत्याशी अखिलेश यादव को 2019 लोकसभा चुनाव में टक्कर देने वाले भाजपा से प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ थे।
गुड्डू जमाली ने कर दिया था खेला
लोकसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ को जीत मिली थी और सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव दूसरे नंबर पर थे। तीसरे नंबर पर बसपा के प्रत्याशी गुड्डू जमाली थे। समाजवादी पार्टी को लगा था कि आजमगढ़ समाजवादी पार्टी का गढ़ है और मुस्लिम वोटर कहीं नहीं जाएंगे लेकिन मुस्लिम वोटर समाजवादी पार्टी को वोट न देकर बसपा प्रत्याशी गुड्डू जमाली को दे दिए। इसका फायदा भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ को हो गया।
भाजपा का बिगड़ेगा समीकरण
शाह आलाम गुड्डू जमाली को लेकर आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को चुनौती देने के लिए सपा के प्रमुख अखिलेश यादव ने नई रणनीति बनाई है। अगर गुड्डू जमाली सपा में शामिल होते हैं तो आजमगढ़ में भाजपा का समीकरण बिगड़ जाएगा। क्योंकि वर्ष 2022 में आजमगढ़ उप लोकसभा चुनाव में गुड्डू जमाली ने ही सपा का समीकरण बिगड़ा था।
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