असम
कांग्रेस की असम इकाई के दिग्गज नेता राणा गोस्वामी बुधवार को पार्टी से इस्तीफा देकर नयी दिल्ली रवाना हो गए जहां उनके भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की संभावना है। गोस्वामी ने रविवार को 'विभिन्न राजनीतिक कारणों' का हवाला देते हुए पार्टी के संगठन प्रभारी (ऊपरी असम) के पद से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, ''मैं यह कहना चाहता हूं कि मैं असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष और कांग्रेस के एक सक्रिय सदस्य के रूप में अपना इस्तीफा दे रहा हूं।''
राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल को इस्तीफा भेजने के तुरंत बाद गोस्वामी नयी दिल्ली के लिए रवाना हो गए, जहां वह मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की मौजूदगी में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर सकते हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस नेता देबब्रत सैकिया ने संवाददाताओं से कहा कि गोस्वामी ने पार्टी छोड़ने का कोई कारण नहीं बताया है।
पार्टी छोड़ने का कोई कारण नहीं बताया
सैकिया ने कहा, ''उन्होंने (गोस्वामी) पार्टी छोड़ने का कोई कारण नहीं बताया। अगर कोई कारण बताया जाता है तो हम विश्लेषण कर स्थिति को सुधारने के लिए उचित कदम उठा सकते हैं।'' उन्होंने कहा, ''पार्टी को गोस्वामी के फैसले को लेकर थोड़ी-बहुत जानकारी थी क्योंकि वह कई राजनीतिक कार्यक्रमों से अनुपस्थित रहे थे लेकिन उन्हें कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के साथ अपनी शिकायतों पर चर्चा करनी चाहिए थी।'' सैकिया ने कहा कि गोस्वामी के इस्तीफे से कांग्रेस पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, ''मैं इससे इनकार नहीं करूंगा लेकिन हम पार्टी को मजबूत करने के अपने प्रयास जारी रखेंगे।''
उनके फैसले का स्वागत करूंगा- मुख्यमंत्री शर्मा
गोस्वामी के पाला बदलने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा था कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। शर्मा ने कहा कि वह (गोस्वामी) कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं और अगर वह भाजपा में शामिल होते हैं तो मैं उनके फैसले का स्वागत करूंगा।
More Stories
अमित शाह के बचाव में बीजेपी, पलटवार को बनाई रणनीति, ‘कांग्रेस-सपा दलितों की सबसे बड़ी दुश्मन’
मोहन भागवत की टिप्पणी पर संजय राउत का पलटवार, कहा- ‘शिवसेना और कांग्रेस ने भी राम मंदिर आंदोलन में योगदान दिया’
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बीच 2009 में न्यूयॉर्क में डिनर को लेकर वाकयुद्ध छिड़ गया