नई दिल्ली
पीएम मोदी ने मंगलवार को उन चार जवानों के नाम का ऐलान कर दिया है जो कि भारत के पहले अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान की ट्रेनिंग ले रहे हैं। तिरुवनंतपुरम के पास थुंबा में विक्रमसाराभाई अंतरिक्ष केंद्र में पीएम मोदी ने चार अंतरिक्षयात्रियों को बैज लगाकर सम्मानित किया। जानकारी के मुताबिक इन चार में से दो को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी है। वहीं एक जवान अमेरिका के स्पेस मिशन में भाग लेगा।
बता दें कि गगनयान भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान है। इसके तहत अंतरिक्षयात्रियों को धरती से 400 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में भेजा जाएगा। तीन दिन तक वे स्पेस में रहेंगे और इसके बाद उन्हें हिंद महासागर में उतार लिया जाएगा। इसरो इस मिशन की टेस्टिंग कर चुका है। जानकारी के मुताबिक इस मिशन को 2025 तक लॉन्च कर दिया जाएगा। वहीं इसी साल इसरो रोबोट भेजकर इस मिशन की एक और टेस्टिंग करेगा। बीते साल एक परीक्षण किया गया था जिसमें यह बात क्लियर हो गई थी कि रॉकेट में खराबी आने के भी अंतरिक्षयात्री सुरक्षित बाहर निकल सकते हैं।
इस मिशन से क्या हासिल होने वाला है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चारों अधिकारियों के नाम का खुलासा करते हुए कहा था कि ये चारों इंसान नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को अंतरिक्ष में ले जाने वाली ताकत हैं। उन्होंने बताया कि 40 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जा रहा है। खास बात यह है कि इस बार रॉकेट भी हमारा है और काउंटडाउन भी हमारा। गगनयना मिशनकामयाब होते ही अंतरिक्ष में इंसान पहुंचाने वाला भारत चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले केवल अमेरिका, सोवियत संघऔर चीन के हाथ ही यह सफलता लगी है। ऐसे में भारत दुनिया के सामने अपनी तकनीक और अंतरिक्ष विज्ञान की एक मिसाल कायम करने में कामयाब रहेगा।
कितना खर्च आएगा
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस अभियान में करीब 90 अरब रुपये का खर्च आने वाला है। बता दें कि इससे पहले चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में अपना मिशन उतारकर भारत इतिहास रच चुका है। चंद्रयान 3 मिशन में 615 करोड़ रुपये की लागत आई। इसके बाद भारत ने सूर्य की ओर आदित्य-एल1 को भेज दिया। यह मिशन भी कामयाब रहा और सफलतापूर्व आदित्य मिशन एल1 पॉइंट पर पहुंच गया। वह अपने पॉइंट से ही सूर्य पर नजर रख रहा है। इसके बाद भारत ने गगनयान मिशन का ऐलान कर दिया है।
क्या है ISRO की आगे की तैयारी
गगनयान मिशान ISRO के लिए अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में बड़ा कदम होने वाला है। इसकी सफलता के बाद प्लान है कि भारत 2035 तक अपना स्पेस स्टेशन खोल देगा। इसके बाद 2040 तक भारत चंद्रमा पर इंसान भेजने की भी तैयारी कर रहा है। बता दें कि नासा भी लंबे समय के बाद एक बार फिर से इंसान को चांद पर पहुंचाने की तैयारी कर रहा है। नासा की तैयारी है कि आर्टेमिस – 2 मिशन के जरिए अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजा जाएगा। आर्टेमिस – 3 मिशन में इंसान चांद पर कदम रखेगा।
कौन हैं गगनयान मिशन के चार अंतरिक्षयात्री
गगनयान मिशन के लिए जिन लोगों का चयन किया गया है वे एयरफोर्स में कमीशन्ड ऑफिसर हैं। इसमें पहला नाम ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालाकृष्णन का है। वह रूस में स्पेस फ्लाइट मिशन की ट्रेनिंग ले चुके हैं। उन्हें तीन हजार घंटों की उड़ान का अनुभव है। दूसरा नाम ग्रुप कैप्टन अजित कृष्णन का है। वह भी एनडीए के छात्र रह चुक् हैं। तीसरा नाम ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप का है। वह प्रयागराज के रहने वाले हैं। 2004 में वह भारतीय वायुसेना में फाइटर स्ट्रीम में कमीशन हुए थे। चौथा नाम विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला का हैजो कि लखनऊ के रहने वाले हैं। वह भी एनडीए के पूर्व छात्र हैं। 2006 में वह वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन हुए थे।
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