पश्चिम बंगाल
संदेशखाली कांड के मुख्य आरोपी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शाहजहां शेख को पार्टी ने छह साल के लिए निलंबित कर दिया है। वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने इस मामले को सीआईडी को सौंप दिया है। बता दें गुरुवार को शाहजहां को गिरफ्तार कर बशीरहाट से भवानी भवन ले जाया गया। जहां कोर्ट ने शाहजहां को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। राज्य पुलिस भवानी भवन में ही शाहजहां से पूछताछ करेगी।
पुलिस के मुताबिक शाहजहां को बुधवार रात मिनाखान से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद गुरुवार सुबह उसे बशीरहाट कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शाहजहां की गिरफ्तारी पर चर्चा के लिए सीआईडी और राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बुधवार रात एक बैठक की। यहीं पर गिरफ्तारी और उसके बाद की कार्यवाही तय हुई, इसके बाद रात को शाहजहां को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद भी अकड़ में था शाहजहां शेख
सफेद कुर्ता-पायजामा पहने शेख सुबह करीब 10 बजकर 40 बजे हवालात से बाहर आया और अदालत कक्ष की ओर चल दिया। उसने वहां इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों की तरफ हाथ हिलाया। मुश्किल से दो मिनट तक चली अदालती सुनवाई के बाद पुलिस उसे अज्ञात स्थान पर ले गई। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या पश्चिम बंगाल पुलिस शेख को गिरफ्तार कर सकती है। इसके 24 घंटे के भीतर ही शेख को हिरासत में ले लिया गया।
राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने कहा, ‘‘अंधकार के बाद उजाला जरूर होता है। मैं इसका स्वागत करता हूं।’’ उन्होंने शेख की गिरफ्तारी के लिए सोमवार रात राज्य सरकार को 72 घंटे की समयसीमा दी थी। राज्यपाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह एक अंत की शुरुआत है। हमें बंगाल में हिंसा के चक्र को समाप्त करना होगा। बंगाल के कुछ हिस्सों में गुंडे राज कर रहे हैं। यह खत्म होना चाहिए और गैंगस्टर को सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए।’’
गिरफ्तारी को लेकर भिड़ी टीएमसी-भाजपा
तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि अदालत के निर्देश के बाद ही गिरफ्तारी संभव हुई, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे ‘‘ पूर्व नियोजित’’ करार दिया है। तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘‘कानूनी उलझन के कारण शुरुआत में उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। हालांकि, अदालत द्वारा यह स्पष्ट किए जाने के बाद कि उसकी गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है, पश्चिम बंगाल पुलिस ने अपना काम किया। विपक्ष ने उसकी गिरफ्तारी पर लगी ‘रोक’ का फायदा उठाया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने कहा था कि शेख को सात दिन में गिरफ्तार कर लिया जाएगा, क्योंकि हमें राज्य पुलिस की क्षमता पर भरोसा था।’’ भाजपा ने दावा किया कि पुलिस को उनके आंदोलन के कारण शेख को गिरफ्तार करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘‘यह तृणमूल और राज्य पुलिस ही थी जो दोषियों को बचा रही थीं। अब उसे एक अच्छी तरह से गढ़ी गई कहानी के हिस्से के रूप में गिरफ्तार किया गया है। भाजपा की प्रदेश इकाई के लगातार आंदोलन के कारण राज्य प्रशासन को उसे गिरफ्तार करने के लिए मजबूर होना पड़ा।’’ पुलिस ने बताया कि शेख को कथित राशन घोटाला मामले में पांच जनवरी को उसके घर पर छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले के संबंध में नजात थाने में दर्ज दो मामलों में गिरफ्तार किया गया है।
उसने बताया कि उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 147 (दंगा करना), 148 (घातक हथियार से लैस होकर दंगा करना), 149 (गैरकानूनी सभा), 307 (हत्या का प्रयास), 333 (लोक सेवक को जान-बूझकर गंभीर चोट पहुंचाना) और 392 (डकैती) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि शेख का पता उसके मोबाइल फोन की अवस्थिति से चला। उन्होंने कहा, ‘‘ शेख समय-समय पर अपना स्थान बदल रहा था। उसके मोबाइल फोन के टावर की ‘अवस्थिति’ से उसका पता लगाया गया।’’
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