बल-बुद्धि और पराक्रम से भारतीयों ने आक्रान्ताओं को पराजित किया- मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मनुष्य का संसार में आना-जाना लगा रहता है, किन्तु संस्कृति सदैव विद्यमान रहती है
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का अवलोकन
विक्रमोत्सव के संध्याकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने संबोधित किया
भोपाल
हमारे देश में संस्कृति की ध्वजा अनंतकाल से लहराती आयी है। हमारे देश ने बल-बुद्धि, शौर्य, पराक्रम से आक्रांताओं को पराजित किया है। यह बात प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शाम उज्जैन में आयोजित विक्रमोत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मनुष्य का संसार में आना-जाना लगा रहता है, किन्तु संस्कृति सदैव विद्यमान रहती है। भगवान ने अनेक लीलाएं कर कष्ट उठाएं और लड़ना सिखाया। दुनिया राम कृष्ण के नाम से भारत को जानती है। संस्कृति पर बाढ़ के पानी के समान आक्रांता आए और आक्रमण किया, किन्तु पानी के थपेड़ों की तरह आंक्रांता भी वापस पराजित हुए। हमारे मंदिर मुगलों की सत्ता के दौरान निर्मित हुए हैं। माता अहिल्या ने मंदिरों का पुर्नउद्धार कराया, वही नदियों पर अहिल्या घाट भी बनवाए हैं।
प्रसिद्ध भजन गायक कन्हैया मित्तल द्वारा मधुर भजन प्रस्तुत किये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भजन गायक कन्हैया मित्तल को बधाई देते हुए कहा कि उनके भजनों ने शरीर में जोश और ऊर्जा का संचार होता है। आपने शिप्रा के किनारे आकर भजन सुनाएं, इसके लिए आपको बधाई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भजन गायक मित्तल का पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया। दिल्ली के संतोष नायक के दल ने ओम नम: शिवाय, शास्त्री नृत्य, मुंबई के केजी हुपर ग्रुप ने हनुमान चालीसा एवं शिव महादेव स्तुति सहित स्थानीय कलाकारों ने डमरू वादन प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का अवलोकन
मुख्यमंत्री ने निवेशकों के साथ भोजन पर की चर्चा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को उज्जैन में जीवाजी वैधशाला पर नवस्थापित विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का अवलोकन किया और इस अवसर पर उन्होंने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लैव में शामिल हुए निवेशकों को वैदिक घड़ी के महत्व और विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर आयोजित विशेष सहभोज में निवेशकों के साथ आत्मीयता के साथ भोजन ग्रहण किया और चर्चा की। इस मौके पर बांसूरी वादन के कलाकारों ने बांसूरी पर स्वर लहरियाँ बिखेरी और ‘राम आयेंगे मेरी झोपड़ी के भाग खुल जायेंगे’ सहित अनेक भजनों की सुमधुर प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बांसूरी वादक कलाकारों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया और उन्हें स्मृति स्वरूप अपना पेन भी भेंट किया।
उल्लेखनीय है कि विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का निर्माण लखनऊ की संस्था 'आरोहण' के आरोह श्रीवास्तव ने बनाई है। इसमें GMT के 24 घंटों को 30 मुहूर्त (घटी) में बांटा गया है। हर घटी का धार्मिक नाम और खास मतलब होगा। घड़ी में घंटे, मिनट और सेकंड वाली सुई भी रहेगी। सूर्योदय और सूर्यास्त के आधार पर यह टाइम की कैलकुलेशन करेगी। मुहूर्त गणना, पंचांग, मौसम से जुड़ी जानकारी भी हमें इस घड़ी के जरिए मिलेगी।
वैदिक घड़ी में वैदिक समय, IST, GMT के साथ भारतीय काल गणना विक्रम संवत् की जानकारी मिलेगी। विक्रम संवत् पंचांग (भारतीय प्राचीन कैलेंडर) शामिल रहेगा। सूर्योदय से सूर्यास्त के साथ ग्रह, योग, भद्रा, चंद्र स्थिति, नक्षत्र, चौघड़िया, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण की जानकारी देगा। अभिजीत मुहूर्त, ब्रह्म मुहूर्त, अमृत काल और मौसम से जुड़ी सभी जानकारी मिल सकेगी। घड़ी में हर घंटे बाद बैकग्राउंड में नई तस्वीर दिखेगी। द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर, नवग्रह, राशि चक्र के साथ दूसरे धार्मिक स्थल भी दिखाई देंगे। देश-दुनिया के खूबसूरत सूर्यास्त, सूर्य ग्रहण के नजारे भी दिखेंगे। वैदिक घड़ी इंटरनेट और ग्लोबल पॉजिशिनिंग सिस्टम (GPS) से जुड़ी होगी।
वैदिक घड़ी से जुड़ा मोबाइल ऐप भी लॉन्च होगा। वैदिक घड़ी के सभी फीचर इस एप में रहेंगे। उज्जैन में लगने वाली घड़ी में जो बदलाव होंगे, वो एप में भी शो होंगे। आप इसे मैन्युअल भी ऑपरेट कर सकेंगे। इसे आप प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकेंगे। उज्जैन को काल गणना (टाइम कैलकुलेशन) का केंद्र माना जाता रहा है। उज्जैन से कर्क रेखा (ट्रॉपिक ऑफ कैंसर) गुजरी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अथक प्रयास से उज्जैन को टाइम कैलकुलेशन का सेंटर बनाने की भूमिका रही है।
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