December 23, 2024

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लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही गाजियाबाद में महामुकाबले का मंच सज गया, प्रत्याशियों का अब भी इंतजार

गाजियाबाद
लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही गाजियाबाद में महामुकाबले का मंच सज गया है। गाजियाबाद लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां पुख्ता कर ली हैं। सभी प्रमुख पार्टियों के दफ्तरों में भी चुनावी गहमागहमी देखी जा रही है। कार्यकर्ता अपने उम्मीदवार का नाम जानने को उत्सुक हैं, लेकिन किसी भी बड़ी पार्टी ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। बड़े नेताओं की मानें तो गाजियाबाद में मुकाबले की तस्वीर साफ होने में एक सप्ताह लग जाएगा।

परिसीमन के बाद साल 2009 से गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार ही जीतता आया है। पिछले दो चुनावों में जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह ने बड़े अंतर से जीत हासिल की है। हालांकि, इस बार पार्टी ने प्रत्याशियों की पहली दो सूचियों में गाजियाबाद को शामिल नहीं किया। ऐसे में भाजपा कार्यकर्ताओं में अपने उम्मीदवार को लेकर उत्सुकता बनी हुई है। वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, पार्टी गाजियाबाद से सटी सीट मेरठ में इस बार बदलाव कर सकती है। वहां लगातार तीन बार से वैश्य प्रत्याशी ने चुनाव में परचम लहराया है। इस बार पार्टी मेरठ से किसी ठाकुर प्रत्याशी को उतार सकती है। ऐसे में गाजियाबाद लोकसभा सीट से वैश्य उम्मीदवार को मैदान में उतारने की अटकलें लग रही हैं। हालांकि, सप्ताह भर में यहां की तस्वीर साफ हो जाएगी।

दो से तीन दिन में बसपा प्रत्याशी की हो सकती है घोषणा : बसपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी की शनिवार को पार्टी चीफ से टिकटों पर चर्चा होने का दावा किया जा रहा है। बसपा दो-तीन दिन में अपना प्रत्याशी घोषित कर सकती है। इसके अलावा सुभाषवादी भारतीय समाज पार्टी ने पिछले सप्ताह धीरेंद्र भदौरिया को गाजियाबाद से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है।

टिकट के लिए दावेदारी कर रहे
सपा और कांग्रेस गठबंधन में गाजियाबाद सीट कांग्रेस के खाते में गई है। यहां कांग्रेस अपनी पूर्व प्रत्याशी डॉली शर्मा को मैदान में उतार सकती है। डॉली के अलावा गाजियाबाद के पूर्व सांसद सुरेंद्र गोयल के बेटे और यूपी कांग्रेस के महासचिव सुशांत गोयल, सेवानिवृत्त शिक्षक एसडी कौशिक और पिछले साल गाजियाबाद से मेयर का चुनाव लड़ चुकी पुष्पा रावत भी टिकट की दावेदार हैं। बसपा के कार्यकर्ताओं में गाजियाबाद से किसी मुस्लिम चेहरे को टिकट देने की चर्चा है। यहां एक सवर्ण नेता भी अपना दावा ठोंक रहे हैं।