अहमदाबाद
गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों के लिए वोटिंग एक ही चरण में पूरी हो जाएगी। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, गुजरात में सात मई को मतदान होगा जबकि चार जून को मतों की गिनती होगी। पर्यवेक्षकों की मानें तो गुजरात में कई मुद्दे हैं जो लोकसभा चुनाव के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यही नहीं पीएम मोदी की छवि भी उन प्रमुख कारकों में है जो मतदाताओं को प्रभावित करेगी।
सत्ता विरोधी लहर
पर्यवेक्षकों का कहना है कि गुजरात में सत्ता विरोधी लहर भी अहम भूमिका निभाएगी। विपक्ष केंद्र में भाजपा के बीते 10 वर्षों के शासन के दौरान की सत्ता विरोधी भावना का फायदा उठाने की कोशिश करेगा।
महंगाई
पर्यवेक्षकों की मानें तो महंगाई के प्रभाव के संदर्भ में निम्न और मध्यम आय वाले परिवार सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। इसलिए यह इस बात पर विचार करने में निर्णायक कारक होगा कि पिछले 10 वर्षों में मूल्य वृद्धि ने लोगों के जीवन को कैसे प्रभावित किया है। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है।
बेरोजगारी
सूबे में बेरोजगारी भी एक बड़ा मुद्दा है। विपक्षी दल जिसका इस्तेमाल कर केंद्र सरकार पर हमला करने के लिए कर रहे हैं। चूंकि यह मुद्दा सीधे आम लोगों के जीवन को प्रभावित करता है, इसलिए जब मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे तो उनके मन में यह बात भी जरूर होगी।
शिक्षा और स्वास्थ्य
गुजरात के सुदूर ग्रामीण इलाकों में स्कूल की कक्षाओं का निर्माण किया जाता है। इन इलाकों में शिक्षकों की कमी होती है। आम लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और डॉक्टरों की कमी भी प्रभावित करती है।
किसानों के मुद्दे
पर्यवेक्षकों ने कहा कि किसानों की समस्याएं और मुद्दे भी आम लोगों को चुनावों में प्रभावित करते हैं। सूबे में अत्यधिक बारिश के कारण फसलें खराब होने की दशा में पर्याप्त मुआवजे की कमी, उर्वरकों की अनुपलब्धता और भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे भी लोगों को प्रभावित करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी का करिश्मा
भाजपा के पास प्रधानमंत्री मोदी जैसा नेता है। मोदी गुजरात से हैं और 2001 से 2014 तक सूबे के मुख्यमंत्री रहे हैं। ऐसे में उन्हें गुजरात के लोगों का भरपूर साथ मिलता है। यही वजह है कि उनका दबदबा अब भी बरकरार है।
क्या बन रहे समीकरण?
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटें अपने पास बरकरार रखने दम भर रही है। भाजपा की गुजरात इकाई के प्रमुख सीआर पाटिल ने कहा है कि हमारी नजर हर सीट पर पांच लाख मतों के अंतर से जीत पर है। इस बार कांग्रेस 24 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि AAP उम्मीदवार भरूच और भावनगर से अपनी किस्मत आजमाएंगे। भाजपा की नजरें भरुच पर हैं। AAP ने आदिवासी नेता चैतर वसावा जबकि भाजपा ने मनसुख वसावा को चुनाव मैदान में उतारा है।
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