नई दिल्ली
पूर्व भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने विराट कोहली को लेकर बड़ा दावा किया है। सिद्धू ने कहा है कि विराट कोहली अभी चार साल तक क्रिकेट खेल सकते हैं। उन्होंने यह बातें स्टार स्पोर्ट्स के साथ बातचीत करते हुए कहीं। सिद्धू ने कहा कि विराट कोहली का एटीट्यूड, एग्रेसन और खेल के दौरान आत्मविश्वास गजब का है। गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर कमेंट्री बॉक्स में वापसी कर रहे हैं। वह आईपीएल 2024 के ओपनर मुकाबले, सीएसके बनाम आरसीबी के दौरान कमेंट्री करते नजर आएंगे। इससे पहले सिद्धू एमएस धोनी की भी तारीफ कर चुके हैं।
शेरो-शायरी भी सुनाई
नवजोत सिद्धू ने इस दौरान एक शायरी भी सुनाई। उन्होंने कहा-शेरों को आजादी है, आजादी के पाबंद रहें, जिसको चाहें चीरे-फाड़ें, खाएं-पीएं आनंद करें। इसके बाद उन्होंने विराट कोहली के बारे में अरुण जेटली की बात को याद किया। सिद्धू ने कहा कि अरुण जेटली ने उनसे विराट कोहली की काफी तारीफ की थी। जब उन्होंने बताया कि जेटली साहब ने कहा कि मैंने ऐसा क्रिकेटर नहीं देखा। जब मैंने पूछा क्या हुआ तो उन्होंने बताया कि उसके पिता की डेथ हो गई थी। वह उनके दाह संस्कार में गया, वापस लौटा और शतक बना दिया।
बताया अपना अनुभव
नवजोत सिंह सिद्धू ने अपना अनुभव भी बताया। उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि मेरे पिता गुजर गए थे। इसके बाद दो महीने तक मुझे याद नहीं था कि मैं कहां हूं। इसके बाद सिद्धू ने कोहली की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि उन बदलावों की तरफ ध्यान देना चाहिए, जो कोहली अपने अंदर लाया है। सिद्धू ने कहा कि कोहली का सबसे बड़ा असेट है उसका एटीट्यूड। उसकी खासियत है कि वह गिरता ही नहीं है। वह छोड़कर भागने वाला नहीं है। पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि कोहली कभी भी निगेटिव नहीं होते हैं। वह हमेशा सकारात्मक रहते हैं। उनका एग्रेसन और आत्मविश्वास उन्हें ताकत देता है।
फिटनेस की तारीफ
सिद्धू ने इसके बाद कोहली के फिटनेस की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि कोहली की फिटनेस काफी कमाल की है। उन्होंने कहा कि फॉर्म तो ऐसी है कि जैसे सुबह की ओस होती है। यह आती-जाती रहती है। इस दौरान सिद्धू ने कोहली को सोलह कला संपन्न बताया। क्रिकेट के मैदान पर शेरी के नाम से मशहूर सिद्धू ने कहा कि इस खिलाड़ी ने जो कुछ हासिल किया है, उसमें हालात के हिसाब से ढल जाने की कला सबसे अहम है। साथ ही यह भी दावा किया कि कोहली अगले चार साल के लिए पूरी तरह से फिट हैं।
उस मैच में हुआ था ऐसा
जिस मैच की बात सिद्धू कर रहे हैं, उसमें कोहली ने शतक नहीं, बल्कि 90 रन बनाए थे। दिल्ली और कर्नाटक के बीच यह रणजी मुकाबला दिसंबर 2006 में खेला गया था। इसी दौरान विराट कोहली के पिता गुजर गए थे। दिन का खेल खत्म होने के बाद कोहली 40 रन पर नाबाद थे, तभी उनके पिता की मौत की खबर मिली। इसके बाद वह पिता के अंतिम संस्कार में गए। बाद में लौटकर उन्होंने 90 रन बनाए और दिल्ली को फॉलोऑन से बचाया। महज 18 साल की उम्र में कोहली की इस मैच्योरिटी काफी तारीफ होती है।
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