नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। राज्य के पूर्व सीएम कमलनाथ के करीबी दीपक सक्सेना ने पार्टी के सभी पदों से गुरुवार को इस्तीफा दे दिया। अटकलें हैं कि सक्सेना बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं। उन्होंने एमपी कांग्रेस अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने व्यक्तिगत परेशानियों के कारण जवाबदारी का न निर्वहन न कर पाने को इस्तीफे की वजह बताया है। दीपक को कमलनाथ का सबसे विश्वनीय माना जाता है। वे प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। उनका पार्टी छोड़कर जाना न केवल कांग्रेस के लिए बल्कि कमलनाथ के लिए भी झटका है।
कमलनाथ को भी लिखा पत्र
दीपक सक्सेना ने कमलनाथ को लिखे त्यागपत्र में लिखा, 'आदरणीय भैया, आपके द्वारा मुझ जैसे किसान पर भरोसा करके सक्रिय राजनीति में जोड़ने और परिवार का सदस्य मानने के लिए मैं सदैव आपका ऋणी एवं आभारी रहूंगा। आपके द्वारा मुझे राजनीति में सक्रिय कर अध्यक्ष जिला सहकारी केंद्रीय बैंक छिंदवाड़ा, कांग्रेस पार्टी की ओर से मुझे विधायक उम्मीदवार बनाया गया। मध्य प्रदेश शासन में कांग्रेस सरकार के दौरान दो बार मंत्री भी बनाया गया। आपके द्वारा मुझे दो बार विधायक प्रतिनिधि भी बनाया गया जिसके लिए मैं सदैव आपका आभारी रहूंगा। मेरा परिवार सदैव आपका ऋणी रहेगा। वर्तमान परिस्थिति में मैं अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर सकूंगा जिसके कारण मैं विधायक प्रतिनिधि एवं संगठन के सभी पदों से त्यागपत्र दे रहा हूं, जिसे स्वीकार करने का कष्ट करें।'
कमलनाथ के लिए छोड़ी थी सीट
दीपक 1974 से कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे। वे सरकार में दो बार मंत्री रह चुके हैं। उन्हें पार्टी में कमलनाथ और दिग्विजय दोनों का खास माना जाता है। उन्होंने दोनों नेताओं के साथ लंबे समय तक संगठन में काम किया और बड़ी रणनीतियों को अंजाम देने में भूमिका निभाई है। सक्सेना सात बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। एमपी कांग्रेस कमेटी में दिग्विजय सिंह के साथ पांच साल तक सह सचिव पद पर रह चुके हैं। वे पार्टी के अंदर कई बड़ी जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। इसके अलावा 2019 में उन्होंने कमलनाथ के लिए अपनी सीट खाली कर दी थी। माना जा रहा है कि वे आज ही अपने बेटे अजय के साथ बीजेपी में शामिल होंगे। बता दें कि कुछ दिन पहले ही पूर्व सीएम कमलनाथ के करीबी सैयद जफर भी बीजेपी में शामिल हो गए थे।
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