भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय प्रदेश में बनने वाली अवैध कॉलोनियों को लेकर सख्त हैं। इस संदर्भ में उन्होंने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को निर्देश दिया है कि ऐसे नियम बनाए जाएं जिससे अवैध कॉलोनियां विकसित न हो सकें।
अवैध कॉलोनियों को लेकर सरकार की सख्ती यहां तक है कि अब ऐसे लोगों पर रासुका लगाने तक का प्रावधान किया जा रहा है। साथ ही यह भी प्रावधान किया जा रहा है कि यदि अवैध कॉलोनी में एसएस/एसटी वर्ग के लोगों को प्लाट दिए गए तो कॉलोनाइजर पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है।
सख्ती इसलिए
अवैध कॉलोनी का गोरखधंधा करने वालों पर सख्ती के पीछे सरकार की मंशा यह भी है कि जो कॉलोनाइजर नियमों का पालन करते हुए काम कर रहे हैं, उनका नुकसान न हो, सरकार का राजस्व बचे और आम लोग भी धोखाधड़ी से बच सकें।
शिवराज सरकार ने वैध की थीं 6 हजार अवैध कॉलोनियां
दरअसल सरकार यह कदम इसलिए उठा रही है क्योंकि प्रदेश में अवैध कॉलोनी विकसित करने की प्रवृत्ति दिनों दिन बढ़ती जा रही है। पिछले दिनों शिवराज सिंह सरकार ने प्रदेश की 8 हजार आवैध कॉलोनियों में से 6 हजार को वैध करने का आदेश दिया था। यह वे कॉलोनियां हैं जिनमें टीएंडसीपी अप्रूवल, रेरा रजिस्ट्रेशन और विकास अनुमति लिए बिना ही प्लॉट काट दिए गए और बेच भी दिए गए। ऐसी कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं भी मौजूद नहीं हैं, क्योंकि अवैध कॉलोनियों में नगरीय निकाय विकास कार्य नहीं करते हैं।
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