December 24, 2024

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विदेशों में रेस्टोरेंट का इंडियन नाम रखते हैं पाकिस्तान के लोग, पाकिस्तानी ने बताई विदेश में कंगाल देश की हैसियत

इस्लामाबाद
पाकिस्तान की सरकार और खुफिया एजेंसी भारत को भला-बुरा कहने में कोई कसर बाकी नहीं रखती हैं। पाकिस्तान की ओर से लगातार भारत पर कई तरह के आरोप भी लगाए जाते रहे हैं लेकिन उसी देश के लोग अपने व्यापार के लिए भारत के नाम का इस्तेमाल भी करते हैं। विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानी भी अपने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भारत ब्रांड पर भरोसा करते हैं। अपनाी दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भारतीय नाम लिखकर पाकिस्तान के लोग ग्राहकों को आकर्षित करते हैं। ये बात खुद पाकिस्तान के ही एक शख्स ने कही है।

पाकिस्तान की यूट्यूबर सना अमजद ने पाकिस्तान के लोगों से विदेश में भारत की छवि और पाकिस्तानियों की छवि पर बात की है। उनसे बात करते हुए पाकिस्तान के लोगों ने अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया दी। एक पाकिस्तानी ने उनसे कहा कि अगर आपको भारत और पाकिस्तान की छवि का अंदाजा लगाना है तो इससे लगा सकते हैं कि हम पाकिस्तानी जापान में अपने रेस्तरां का नाम भारतीय नाम से रखते हैं। ऐसा इसलिए कि अगर हम जापानियों को बताएंगे कि हम पाकिस्तानी हैं तो कोई हमसे कुछ नहीं खरीदेगा। ऐसे में हम भारतीय नाम लिखकर जापानियों को लुभाते हैं।

'पाकिस्तानियों की छवि अच्छी नहीं'

पाकिस्तानियों की दुनिया में छवि पर बात करते हुए इस शख्स ने कहा कि दुनिया में हमें बहुत अच्छी नजरों से नहीं देखा जाता है। एक शक की निगाह से लोग देखते हैं, बहुत से लोगों को ऐसे लगता है कि हम शायद उनके साथ ईमानदारी से पेश नहीं आएंगे। यही वजह है कि हमें उस तरह की इज्जत नहीं मिलती, जैसी दूसरे देशों के लोगों को मिलती है। ये हालात सिर्फ यूरोप या जापान में नहीं है। खाड़ी देशों में भी पाकिस्तानियों की छवि अच्छी नहीं है। वहां भी भारतीयों को ज्यादा तरजीह मिलती है। अमेरिका में पाकिस्तानी पासपोर्ट होना ही आपको एयरपोर्ट पर ज्यादा देर रोकने और एक लंबी चैकिंग के लिए काफी है।

पाकिस्तान की बिगड़ती आर्थिक व्यवस्था के लिए भी वहां के लोगों ने अपनी सरकार को घेरा है। पाकिस्तानियों का कहना है कि हमारी सरकारों की साफ लाइन नहीं है कि कैसे देश को बुरे हालात से बाहर निकलना है। सरकार किसी की भी आए, सबका ध्यान इसी बात पर है कि कैसे विदेश से मदद हासिल कर ली जाए। आईएमएफ और अरब देशों से ये लोग पैसा लेते हैं और फिर उसको खुर्द बुर्द कर देते हैं। यही वजह है कि अब विदेशों से भी मदद कम होने लगी है।