नई दिल्ली
सेना में भर्ती के लिए लागू हुई अग्निवीर स्कीम का देश भर में विरोध हुआ था। इसके बाद भी इसी के माध्यम से अब निचले स्तर पर भर्तियां हो रही हैं, जिसके तहत 4 साल की ही नौकरी होती है। इस अवधि के पूरा होने के बाद सैनिकों को एकमुश्त राशि मिलती है और उन्हें दूसरी जगहों पर भर्ती में प्राथमिकता मिलती है। इसके बाद भी इस स्कीम की यह कहते हुए आलोचना की जाती है कि यह शॉर्ट टर्म नौकरी है और उसके बाद सैनिकों के आगे पूरे करियर की चुनौती रहती है कि वह किस दिशा में जाएं। इससे उनकी जॉब सिक्योरिटी खत्म होती है।
इन सवालों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि यदि जरूरत पड़ती है तो सरकार अग्निवीर भर्ती स्कीम में बदलाव के लिए भी तैयार है। समिट में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने यह तय करने की कोशिश की है कि अग्निवीरों का भविष्य सुरक्षित रहे। उन्होंने योजना का बचाव करते हुए कि सेना में युवाओं की जरूरत है। राजनाथ सिंह ने कहा, 'सेना में युवा होने चाहिए। मेरा मानना है कि युवाओं में ज्यादा जुनून होता है। वे तकनीक के मामले में भी ज्यादा बेहतर होते हैं। हमने इस बात का पूरा ख्याल रखा है कि उनका भविष्य सेफ रहे। यदि जरूरत पड़ती है तो हम योजना में बदलाव के लिए भी तैयार हैं।'
फिलहाल अग्निवीर भर्ती योजना के तहत 4 साल का कार्यकाल होता है। इसमें 6 महीने ट्रेनिंग दी जाती है और फिर 3.5 सालों के लिए तैनाती मिलती है। इस अवधि के पूरा होने के बाद वे सेना में नियमित सेवा के लिए अप्लाई कर सकते हैं और उन्हें परीक्षा देनी होगी। इसके अलावा यदि वे सेना से एग्जिट होते हैं तो राज्यों की पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों की भर्ती में उन्हें प्राथमिकता मिलती है। उन्होंने कहा कि आज हम सेना को मजबूत कर रहे हैं। हथियारों की स्थिति यह है कि हम सिर्फ आयात नहीं कर रहे हैं बल्कि बड़े पैमाने पर हथियारों को एक्सपोर्ट भी कर रहे हैं। आत्मनिर्भऱ भारत योजना के तहत हम आगे बढ़ रहे हैं।
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