धार.
मध्य प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र के आदिवासी बहुल धार, झाबुआ व आलीराजपुर जिले में 27 जून से सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित लोगों को जेनेटिक काउंसलिंग कार्ड यानी अनुवांशिक परामर्श कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। इस कार्ड की सार्थकता इस लिहाज से है कि पीड़ित व्यक्ति विवाह के लिए कुंडली मिलाने का कार्य की तर्ज पर वह जेनेटिक काउंसलिंग कार्ड के माध्यम से भी अपनी बीमारी की स्थिति स्पष्ट कर सकेगा। यह कार्ड आने वाले समय में बहुत ही सार्थक साबित होंगे।
इससे आदिवासी अंचल के लोगों में जो अनुवांशिक बीमारी आगे बढ़ रही है। वह आगे बढ़ने से रुकेगी। दूसरी ओर जो लोग इस बीमारी से प्रभावित नहीं है और उनकी जांच हुई है, उनको भी यह कार्ड उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसका फायदा ही होगा की जब भी इस कार्ड को अपनी कुंडली की तरफ उपयोग कर सकेंगे। इससे वे शादी के पूर्व बता सकेंगे कि उन्हें सिकल सेल एनीमिया बीमारी नहीं है।
बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 जून को शहडोल में होने वाले एक कार्यक्रम में शामिल होंगे।इस दिन सिकल सेल एनीमिया राष्ट्रीय उन्मूलन कार्यक्रम की शुरुआत होगी। धार जिले में 27 जून को 18 हजार से अधिक लोगों को यह कार्ड वितरित किए जाएंगे। गौरतलब है कि सिकल सेल एनीमिया एक अनुवांशिक बीमारी है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति में रक्ताल्पता रहती है और इस कारण से वह कई अन्य बीमारियों की चपेट में भी आ जाता है। आदिवासी अंचल में लोगों की मौत होने का कारण सिकल सेल एनीमिया भी बनता है।
ऐसे में इस बीमारी को 2047 तक पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार प्रयास कर रहे हैं। बता दे कि हमारे प्रदेश के राज्यपाल इस दिशा में पहले से प्रयास कर रहे है। लोगों को इस बीमारी से बचाने के मामले में राज्य पाल की बड़ी भूमिका रही है।
आगे क्या होगा
अब तक यह हो रहा था कि नवजात बच्चे से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों की ही जांच की जा रही थी। लेकिन 27 जून से राष्ट्रीय स्तर पर जो उन्मूलन कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा की जाएगी। उसके तहत अब 40 वर्ष तक के लोगों की जांच की जाएगी। इस आयु वर्ग में जो भी व्यक्ति रहेगा। उनकी रक्ताल्पता की जांच की जाएगी और सिकल सेल एनीमिया के बारे में पड़ताल की जाएगी।
यदि वे इस बीमारी से पीड़ित है तो उनको सारी स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी। इस बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. शिरीष रघुवंशी ने बताया कि सिकल सेल एनीमिया में दो प्रकार की स्थिति होती है। इसमें एक तो वे व्यक्ति होता है जो सिकल सेल एनीमिया की बीमारी से पूर्ण रूप से प्रभावित होता है। जिसे हम शत प्रतिशत पीड़ित व्यक्ति मानते हैं।
जबकि जिनमें 50% की स्थिति होती है, वे इस बीमारी के कैरियर यानी वाहक होते हैं। इस तरह से इन दोनों ही तरह की व्यक्तियों के हम कार्ड तैयार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 22000 से अधिक लोगों की जांच की जा चुकी है। इनमें से करीब 350 लोग पीड़ित पाए गए हैं। उनके कार्ड बन चुके हैं। साथ ही जिन लोगों की जांच हुई है, उनमें से अधिकांश लोगों के कार्ड बन चुके हैं। हम 18,000 लोगों के कार्ड बनाकर तैयार करवा चुके हैं। इन सभी लोगों को कार्ड वितरण किया।
क्या हैं फायदे कार्ड के
डाक्टर रघुवंशी ने बताया कि यह एक अनुवांशिक बीमारी ।है जो बीमारी से पीड़ित है उसे शादी करने के पहले इस कार्ड के माध्यम से अपने संभावित जीवन साथी को अपना कार्ड दिखाना चाहिए। जिससे कि विवाह करना है या नहीं यह स्पष्ट हो जाए। उन्होंने कहा कि इसके अलग-अलग फेक्टर है। जिसके बारे में सभी को समझाइश दी जाती है। जो सिकल सेल एनीमिया से 50% प्रभावित है यानी इस बीमारी के केरियर अर्थात वाहक हैं, उन लोगों को शादी तब करना चाहिए जबकि सामने वाले पार्टनर को इस तरह की बीमारी नहीं हो।
इस तरह से विवाह संबंध के समय यह कार्ड एक कुंडली की तरह कार्य करेगी। आमतौर पर शादी के लिए जन्म कुंडली मिलाई जाती है लेकिन हमारा यह कहना है कि आदिवासी अंचल के लोगों को कुंडली मिलान के साथ-साथ इस तरह के कार्ड के माध्यम से अपने बारे में जानकारी देना चाहिए। जो लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं या संदेह के दायरे में है उनको विवाह के पूर्व इस अनुवांशिक बीमारी के प् लिए सिकल की जांच करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 जून को यह कार्यक्रम लांच करने जा रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन के लिए जो प्रयास होने जा रहे हैं, वह अपने आप में महत्वपूर्ण है। इसके तहत हमने जो कार्ड बनाए हैं। वह कार्ड वितरित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हम उन लोगों को भी कार्ड वितरित कर रहे हैं जो कि इस बीमारी के दायरे में नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि इसका फायदा ही होगा शासन के इस कार्ड को बता सकेंगे कि उन्हें सिकल सेल एनीमिया नहीं है। साथ ही सामाजिक रूप से व्यवहार करने के दौरान भी इस कार्ड के बारे में अपने स्वजनों को और अन्य लोगों को जानकारी दे सकते हैं।
More Stories
उत्तर प्रदेश के संभल में 46 साल बाद खुला कार्तिकेय महादेव मंदिर, श्रद्धालुओं ने किया भंडारे का आयोजन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव से एमपी पीएससी अभ्यर्थियों के प्रतिनिधि मंडल ने की भेंट
जनता दर्शन में सीएम योगी ने सुनी लोगों की समस्याएं, कहा- मकान दिलाएंगे, इलाज भी कराएंगे