इंदौर
मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की तर्ज पर केंद्र सरकार सुशासन को लेकर देशभर के विकासखंडों की राष्ट्रीय रैंकिंग जल्द ही शुरू करेगी।
खास बात यह है कि विकासखंडों के नागरिकों और पंचायतों के जन प्रतिनिधियों की राय भी इस रैंकिंग के 63 पैमानों में शामिल होगी।
सरकार के एक अधिकारी ने इंदौर में 26वें राष्ट्रीय ई-प्रशासन सम्मेलन के उद्घाटन समारोह के दौरान बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के संयुक्त सचिव एनबीएस राजपूत ने बताया,''छतरपुर जिले में सुशासन को लेकर सभी विकासखंडों की रैंकिंग की जाती है। इस मॉडल के आधार पर हम देशभर के विकासखंडों के लिए जल्द ही एक रैंकिंग शुरू करेंगे।''
उन्होंने बताया कि ‘विकासखंड सुशासन सूचकांक’ के नाम से शुरू की जाने वाली इस राष्ट्रीय रैंकिंग में विकासखंडों के काम-काज को शिक्षा और जन शिकायत निवारण समेत 10 क्षेत्रों के 63 पैमानों पर आंका जाएगा।
राजपूत ने कहा,''इन 63 पैमानों में विकासखंडों के नागरिकों और पंचायतों के जनप्रतिनिधियों की राय भी शामिल होगी।’
राष्ट्रीय ई-प्रशासन सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में मध्यप्रदेश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने बताया कि सूबे के नागरिकों को 1,000 से ज्यादा ई-सेवाएं दी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि दो दिवसीय सम्मेलन में ई-प्रशासन के क्षेत्र में सभी प्रदेशों के नवाचारों और उत्कृष्ट कदमों को लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया जाना चहिए।
अधिकारियों ने बताया कि ''विकसित भारत : नागरिकों का सशक्तिकरण'' विषय पर आयोजित सम्मेलन में अफसरों और जानकारों द्वारा कई उभरती तकनीक, अनुसंधान, स्टार्ट-अप, साइबर सुरक्षा, डिजिटल कायाकल्प आदि पर विचार मंथन किया जाएगा।
करीब 1,000 लोगों के इस जमावड़े में ई-प्रशासन के क्षेत्र में पांच श्रेणियों के तहत राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे।
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