दुबई
संयुक्त अरब अमीरात में अवैध रूप से रह रहे लोगों को डिपोर्ट करने का फैसला किया है। सरकार ने भारतीय प्रवासियों को 30 अक्टूबर 2024 तक माफी आवेदन का समय दिया है। दरअसल सरकार ने 1 सितंबर 2024 से एमनेस्टी स्कीम (माफी योजना) की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे और वीजा अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी देश में मौजूद लोगों को कानूनी राहत प्रदान करना है। इस योजना के तहत, 30 अक्टूबर तक आवेदन करने वाले लोगों को यूएई में अवैध रूप से रहने पर माफी दी जाएगी।
इसके बाद, 1 नवंबर से UAE प्रशासन द्वारा सख्त छापेमारी अभियान चलाया जाएगा, जिसमें नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना और डिपोर्टेशन की कार्रवाई होगी। UAE में करीब 35 लाख भारतीय प्रवासी रहते हैं, जिनमें से कई लोग इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। दुबई में स्थित भारत के कांसुलेट जनरल ने कई भारतीय प्रवासी संगठनों के सहयोग से सुविधा केंद्र स्थापित किए हैं। अब तक 4,000 से अधिक भारतीयों को सहायता प्रदान की गई है, जिसमें 600 पासपोर्ट और 800 आपातकालीन प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं। इसके अलावा, 500 भारतीयों को एग्जिट परमिट जारी करने में मदद की गई है।
भारत वापस जाने के इच्छुक लोग दुबई में भारतीय महावाणिज्य दूतावास या अवीर इमिग्रेशन सेंटर में आपातकालीन प्रमाणपत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं। जो लोग UAE में रहना चाहते हैं, वे दुबई और उत्तरी अमीरात के किसी भी बीएलएस केंद्र में लघु-वैधता पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिससे उनकी वैधता को नवीनीकृत किया जा सके।
रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश और पाकिस्तान के नागरिक भी बड़ी संख्या में इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। इन देशों के सहायता केंद्रों पर भारी भीड़ देखी जा रही है, जिसमें अवैध रूप से देश में प्रवेश करने वाले और पर्यटक वीजा पर काम करने वाले प्रवासी शामिल हैं। यूएई ने पहले भी पाकिस्तानी मजदूरों से अपने वीसा और नियमों का पालन करने की अपील की थी।
1 नवंबर के बाद सख्त कार्रवाई
1 नवंबर 2024 से दुबई प्रशासन द्वारा आवासीय इलाकों और कंपनियों में छापेमारी शुरू की जाएगी। इस दौरान अवैध रूप से रह रहे लोगों को गिरफ्तार कर डिपोर्ट किया जाएगा और उनके देश में वापसी पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। आईसीपी (यूएई संघीय प्राधिकरण) के महानिदेशक मेजर जनरल सुल्तान अल नूमी ने कहा है कि यह आखिरी मौका है। अब तक 20,000 लोगों ने इस योजना के तहत आवेदन किया है, और 7,500 लोगों ने एग्जिट परमिट प्राप्त किया है। उन्होंने अपील की है कि जो लोग एग्जिट परमिट ले चुके हैं, वे समय रहते यूएई छोड़ दें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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