अयोध्या
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक बार फिर से काम शुरू करने की तैयारी है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर में अभी दूसरी मंजिल और शिखर का काम बचा हुआ है। यह काम अब 15 फरवरी से शुरू हो जाएगा। इसके लिए मंदिर के पश्चिमी क्षेत्र में दो टावर क्रेन को लगाया जा रहा है। इसके बाद सभी कर्मचारी 15 फरवरी से एक बार फिर से मंदिर को संपूर्ण करने जुट जाएंगे। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया है कि मंदिर की पहली मंजिल का काम लगभग पूरा हो चुका है। दूसरी मंजिल और शिखर के लिए काम फिर से शुरू करने की तैयारी हम कर रहे हैं। इसमें करीब 3,500 श्रमिकों को लगाया जा रहा है।
22 जनवरी को नए मंदिर में रामलला के विराजमान होते ही भक्तों का रेला भी उमड़ पड़ा है। रोजाना करीब दो लाख श्रद्धालु रामलला के दरबार पहुंच रहे हैं। इस वजह से भी अभी मंदिर में निर्माण कार्य को रोका गया है। राममंदिर के ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र ने बताया कि अभी मालवाहक वाहनों का प्रवेश रोका गया है। प्राण प्रतिष्ठा के चलते निर्माण कार्य में लगीं मशीनों को हटा दिया गया था। अब उन्हें फिर से इंस्टाल किया जाने लगा है। एलएंडटी के मजदूर भी एक सप्ताह में वापस आ जाएंगे, इसके बाद ही काम गति पकड़ेगा।
राममंदिर के प्रथम तल का अभी करीब 20 फीसदी काम शेष है। प्रथम तल की छत ढाली गई है, शटरिंग खोलना बाकी है। इसके बाद फिनिशिंग का काम होगा। प्रथम तल तैयार होने में अभी करीब तीन माह लग जाएंगे। इसके बाद शेष एक गुंबद व दूसरे तल का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। छह माह में दूसरा तल भी बनकर तैयार हो जाएगा। दिसंबर 2024 तक तीन मंजिला राममंदिर बन जाएगा। इसके बाद अन्य प्रकल्प सहित सुविधाएं विकसित करने का काम दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
एक महीने की छुटटी
मंदिर के निर्माण में जुटी एलएंडटी ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के कारण 15 जनवरी से राम जन्मभूमि परिसर में चल रहे निर्माण कार्य को रोक दिया था। इसके साथ ही सभी श्रमिकों को एक माह की छुट्टी दे दी थी। अब सभी कर्मचारियों को वापस बुलाया जा रहा है। निर्माण से जुड़े मार्बल विशेषज्ञ और मुख्य विक्रेता रोहित भाटिया ने कहा कि परिसर में लगी मशीनों को दोबारा जोड़ने का काम शुरू हो गया है।
वीवीआईपी मेहमानों के आने पर होगी प्रशासन की अग्निपरीक्षा
बता दें कि रामलला के दर्शन के लिए वीआईपी और वीवीआईपी मेहमानों के आने पर रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और जिला प्रशासन को कठिन परीक्षा से गुजरना होगा. एक ओर दो लाख तक की संख्या में रोजाना आम श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन कराने का दबाव होगा. दूसरी तरफ राज्यवार आने वाले भाजपा की दर्शन यात्रा के भक्तों के साथ विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को विशिष्ट दर्जा देते हुए खास इंतजाम करने होंगे. ऐसे में व्यवस्था को सुचारु बनाए रखना बेहद मुश्किल होगा.
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशिष्ट और अति विशिष्टजनों से थोड़ा रुककर और पूर्व सूचना देकर ही अयोध्या आने का अनुरोध किया गया है. इसके पीछे मुख्य वजह रामनगरी में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रोज दर्शन के लिए देशभर से उमड़ रही भीड़ है. वीवीआईपी मेहमानों के आने पर आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए की गई व्यवस्थाओं के प्रभावित होने का अंदेशा है. इसीलिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने देशव्यापी दर्शन यात्रा को भी आगे बढ़ा दिया था. अब जनवरी के समापन और फरवरी की शुरुआत में वीवीआईपी मूवमेंट बढ़ने की संभावना है.
इन राज्यों के सीएम अपने कैबिनेट के साथ करेंगे दर्शन
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार 31 जनवरी से कई राज्यों के सीएम का वहां की कैबिनेट के साथ आना शुरू हो सकता है. संभावित कार्यक्रम के अनुसार इस महीने की आखिरी तारीख को त्रिपुरा के सीएम अपनी कैबिनेट के साथ रामलला के दर्शन के लिए आएंगे. इसी तरह एक फरवरी को सीएम योगी की कैबिनेट का दर्शन कार्यक्रम पहले से प्रस्तावित है. दो फरवरी को उत्तराखंड और पांच फरवरी को महाराष्ट्र के सीएम अपनी कैबिनेट के साथ आने की तैयारी कर रहे हैं. छह फरवरी को अरुणाचल प्रदेश, नौ को हरियाणा, 12 को राजस्थान, 15 को गोवा, 22 को आसाम, 25 को गुजरात और चार मार्च को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री अपनी कैबिनेट के साथ आ सकते हैं.
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