नई दिल्ली
भारत का आईटी खर्च आने वाले समय में तेजी से बढ़ सकता है। मंगलवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत का आईटी खर्च 2025 में 160 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2024 से 11.2 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। गार्टनर की एक रिपोर्ट के अनुसार, एप्लीकेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर सॉफ्टवेयर मार्केट दोनों के बढ़ने के कारण, भारत में सॉफ्टवेयर खर्च में सबसे अधिक वार्षिक वृद्धि दर दर्ज होने का अनुमान है, जो 2025 में 17 प्रतिशत बढ़ जाएगी।
गार्टनर के वीपी एनालिस्ट नवीन मिश्रा ने कहा, "2025 में, भारतीय मुख्य सूचना अधिकारी (सीआईओ) प्रारंभिक प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट परियोजनाओं से अलग जनरेटिव एआई (जेनएआई) के लिए बजट आवंटित करना शुरू कर देंगे।" उन्होंने कहा, "जेनएआई पर खर्च बढ़ेगा, लेकिन भारतीय मुख्य सूचना अधिकारियों की इसकी क्षमताओं को लेकर अपेक्षाएं कम हो जाएंगी।" इसके अलावा, भारतीय सीआईओ 2024 की तुलना में 2025 में साइबर सुरक्षा, बिजनेस इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स जैसी टेक्नोलॉजी पर खर्च करने में यकीन रखेंगे।
कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट में जेनएआई-इनेबल्ड ऑफरिंग का प्राइस प्रीमियम, ईमेल-ऑथरिंग और एनालिटिक प्लेटफॉर्म सॉफ्टवेयर से जुड़े खर्च को बढ़ाएंगे, जिससे इस सेगमेंट में तेजी आएगी। वर्ष 2025 तक जेनएआई कैपेबिलिटी वाले 50 प्रतिशत से अधिक एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर प्राइस प्रीमियम से जुड़े होंगे। प्राइसिंग ऑप्शन को लेकर भी 2025 तक बढ़ोतरी जारी रहेगी, क्योंकि जेनएआई प्रीमियम को लेकर खरीदार अपनी इच्छा जाहिर कर रहे हैं।
वैश्विक सेवा बाजार में खर्च को लेकर सतर्कता, आर्थिक अनिश्चितता और उच्च पूंजीगत लागतों के बावजूद भारत में आईटी सेवाओं का खर्च 2025 में 11.4 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार “क्लाउड, एप्लिकेशन और परामर्श से जुड़ी सेवाओं में मजबूती आएगी। इसके साथ ही, 2025 (और उसके बाद) में श्रम उत्पादकता को बेहतर करने पर ध्यान रहेगा।"
भारत में डेटा सेंटर सिस्टम पर खर्च 2025 में कुल 4.7 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) इंटीग्रेशन के लिए नए इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर उद्यमों की आवश्यकता से जुड़ा है।
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