नई दिल्ली
भारतीय नौसेना की ताकत को शनिवार को और भी ज्यादा मजबूती मिलने वाली है। विशाखापत्तनम में कल नेवी के बेड़े में सर्वे पोत संध्याक को शामिल किया जाएगा। ऐसी उम्मीद है कि यह जहाज रणनीतिक जलमार्गों में नौसेना के निगरानी तंत्र को ज्यादा बेहतर बनाएगा। कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) में 4 सर्वे पोत तैयार किए जा रहे हैं। इनमें से एक को नौसेना के बेड़े में औपचारिक रूप से 3 फरवरी को शामिल किया जाना है। इसे लेकर ही यह आयोजन किया जा रहा है।' संध्याक का बंदरगाह और समुद्र दोनों में बड़े पैमाने पर टेस्ट हुआ है। इन परीक्षणों से गुजरने के बाद इसे 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था।
– संध्याक पोत की शुरुआती भूमिका बंदरगाह तक पहुंचने वाले रास्तों का सम्पूर्ण तटीय और डीप-वॉटर हाइड्रोग्राफिक सर्वे करना है। यह नौवहन मार्गों को तय करने में भी योगदान देगा।
– इतना ही नहीं, यह पोत रक्षा और अन्य प्रयोगों के लिए समुद्र विज्ञान व भूभौतिकीय डेटा भी एकत्र करेगा।
– संध्याक सर्वे जहाज कई प्रकार के नौसैनिक अभियानों को भी अंजाम देने में सक्षम होगा।
– कहा जा रहा है कि संध्याक के आने से समुद्र सुरक्षा को लेकर भारत की क्षमता काफी ज्यादा मजबूत हो जाएगी।
– हाल के दिनों में समुद्री जहाजों पर हुए हमलों के मद्देनजर इसे काफी अहम माना जा रहा है।
– संध्याक पोत की विस्थापन क्षमता लगभग 3400 टन है। यह 110 मीटर की कुल लंबाई वाला जहाज है।
– संध्याक मॉडर्न हाइड्रोग्राफिक इंस्ट्रूमेंट्स समेत डीजीपीएस लॉन्ग रेंज पोजिशनिंग सिस्टम, डिजिटल साइड स्कैन सोनार से लैस है।
– खास बात यह भी है कि इस जहाज में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री है।
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और नौसेना की पूर्वी कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर इस अवसर पर विशेष अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। शनिवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रम को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
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