नई दिल्ली
भारतीय महिला हॉकी टीम ने धांसू प्रदर्शन करते हुए महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम कर ली है. बिहार के राजगीर में यह खिताबी मुकाबला बुधवार (20 नवंबर) को खेला गया, जिसमें भारतीय टीम की टक्कर चीन से थी.
इस मैच में भारतीय टीम ने दमदार खेल दिखाया और 1-0 से चीन को शिकस्त दी. इसके साथ ही भारतीय टीम ने तीसरी बार यह खिताब जीता. टीम के लिए एकमात्र गोल 31वें मिनट में दीपिका ने दागा. यह टूर्नामेंट का उनका 11वां गोल रहा. इसके अलावा चीन ने कई बार गोल दागने की कोशिश की, लेकिन उनकी मंशा पूरी नहीं हो सकी.
इस बार टूर्नामेंट में कोई मैच नहीं हारा भारत
पिछला खिताब भी भारतीय टीम ने ही जीता था. ऐसे में यह टीम का लगातार दूसरा खिताब रहा है. मेजबान भारतीय टीम इस बार टूर्नामेंट में अजेय रही है. यह एकमात्र टीम है जिसे अब तक हराया नहीं जा सका है. भारत ने ग्रुप स्टेज में भी अपने सभी मैच जीते हैं.
भारतीय टीम ने मंगलवार को सेमीफाइनल में जापान को 2-0 से हराया था. दूसरी ओर चीन का भी टूर्नामेंट में रिकॉर्ड अच्छा रहा है. उसे ग्रुप स्टेज में सिर्फ भारतीय टीम से ही हार का सामना करना पड़ा था. चीन ने अपने 5 पूल गेम में से 4 जीते हैं. उसने सेमीफाइनल में मलेशिया को 3-1 से हराया था.
इस तरह मौजूदा टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने दूसरी बार चीन को शिकस्त दी. भारतीय महिला टीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 में सिल्वर मेडल जीता था. दूसरी ओर हरेंद्र सिंह के हेड कोच रहते हुए भारतीय टीम ने पहला खिताब जीता.
इस तरह भारत ने दागा पहला मैच विनिंग गोल
मैच का हाफ टाइम दोनों टीमों के बीच बगैर गोल के बराबरी पर रहा था. मगर तीसरे क्वार्टर में दीपिका अपने अलग ही रंग में नजर आईं. 31वें मिनट में दीपिका ने भारतीय टीम का खाता खोला. दरअसल, चीन की गलती के कारण भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला था.
सुशीला ने पेनल्टी कॉर्नर से ट्रैप पर गलती की, लेकिन नवनीत को गेंद मिल जाती है, वह डी में जगह बनाकर दीपिका को देती हैं. दीपिका समय लेती हैं और बेहतरीन तरीके से अपना रिवर्स हिट के साथ गोल दागती हैं. इस तरह भारतीय टीम ने मैच और खिताब अपने नाम किया.
भारतीय टीम ने ओवरऑल तीसरी बार खिताब अपने नाम किया. मेजबान टीम ने टूर्नामेंट में अजेय रहते हुए चमचमाती ट्रॉफी अपने नाम की. बिहार सरकार ने महिला हॉकी टीम की प्रत्येक खिलाड़ी को 10 लाख रुपये का पुरस्कार देने का फैसला किया. चीन की टीम ने पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था. भारतीय लड़कियों ने पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन खेल दिखाया.
बिहार सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘टीम की प्रत्येक खिलाड़ी को टूर्नामेंट के दौरान राजगीर हॉकी स्टेडियम में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 10 लाख रुपये मिलेंगे.’ मुख्य कोच हरेंद्र सिंह और उनके सहयोगी स्टाफ को भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार द्वारा पुरस्कार दिया जाएगा. इसके अलावा मुख्य कोच हरेंद्र सिंह को 10 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया जबकि बाकी सहयोगी स्टाफ को पांच-पांच लाख रुपये मिलेंगे.’
हॉकी इंडिया खिलाड़ियों को 3-3 लाख देगा
हॉकी इंडिया ने प्रत्येक खिलाड़ी को 3 लाख रुपये पुरस्कार के तौर पर देने का ऐलान किया. इसके अलावा हॉकी महासंघ ने सपोर्ट स्टाफ के सभी सदस्यों को 1.5 लाख रुपये देने की भी घोषणा की. विजेता बनने पर भारतीय टीम को एशियन हॉकी फेडरेशन की ओर से 10,000 अमेरिकी डॉलर मिले.
दीपिका बनीं गोल्डन गर्ल
पिछले साल रांची में और 2016 में सिंगापुर में यह खिताब जीत चुकी भारतीय टीम ने जबर्दस्त तालमेल और संयम का परिचय देते हुए चीन को हाशिये पर रखा. पहला हाफ गोलरहित रहने के बाद दूसरे हाफ के पहले ही मिनट में भारत को मिले पेनल्टी कॉर्नर पर दीपिका ने गोल करके खचाखच भरे बिहार खेल यूनिवर्सिटी स्टेडियम में मौजूद दर्शकों में उत्साह का संचार कर दिया. दूसरे हाफ के पहले ही मिनट में भारत को लालरेम्सियामी ने पेनल्टी कॉर्नर दिलाया. इस पर पहला शॉट चूक गया लेकिन गेंद सर्कल के भीतर ही थी और नवनीत की स्टिक से डिफ्लैक्ट होकर दीपिका के पास पहुंची जिसने शानदार फ्लिक से उसे गोल के भीतर डाला.
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