भोपाल
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत गरीबों को एक रुपए किलोग्राम की दर से दिए जाने वाले गेहूं और चावल की आड़ में अनियमितता और अपात्रों के नाम पर होने वाले खेल को खत्म करने के लिए अब प्रत्येक हितग्राही का बायोमेट्रिक सत्यापन किया जा रहा है। आधार नंबर से पात्र और अपात्र हितग्राही की पहचान की जाएगी। सेल्समैन अंगूठा लगवाकर बायोमेट्रिक सत्यापन करेंगे। मोबाइल नंबर भी अपडेट किया जाएगा, ताकि दुकान से जब भी राशन वितरण हो तो उसकी सूचना मिले।
460 शासकीय दुकानों पर होगी जांच
जिला प्रशासन के पास लगातार गड़बड़ी की शिकायतें पहुंच रही हैं। ऐसे में कलेक्टर के निर्देश पर यह काम शुरू किया जा रहा है। गौरतलब है कि राजधानी के करीब 3 लाख 21 हजार परिवारों के लगभग 14 लाख सदस्यों का सत्यापन करने का लक्ष्य रखा गया है। यह काम तेजी से किया जा रहा है। शहर की 460 शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में यह पड़ताल करवाई जा रही है।
दूसरे जिलों में गड़बड़ी की शिकायतों के आधार पर शहर में पड़ताल जारी
भोपाल संभाग के कुछ जिलों में भी ऐसी शिकायतें सामने आई थीं। अनियमितता की शिकायतें सामने आने के बाद राजधानी में भी जांच कराई जा रही है। दूसरे जिलों में जांच में सामने आया है कि गलत आधार नंबर डालकर स्थानीय स्तर पर गड़बड़ियां की गई हैं। साथ ही हितग्राही का निधन होने के बाद भी उसके नाम से राशन देना बताकर अनियमितता की जा रही है। इसके बाद विभाग के आला अधिकारियों के निर्देश पर सभी हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन कराने का निर्णय लिया है।
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