नई दिल्ली
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ देश समेत दुनियाभर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इस बीच शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं. इस दौरान उन्होंने इंडिया गठबंधन में लीड करने को लेकर चल रहे घमासान पर भी प्रतिक्रिया दी है.
'बांग्लादेश को जवाब देने में सक्षम नहीं मोदी सरकार'
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, "बांग्लादेश में जिस तरह से वहां रहने वाले हिंदू पर वहीं के मुस्लिम अत्याचार कर रहे हैं ये बहुत ही चिंता का विषय है. आज बांग्लादेश भले ही बांग्लादेश है… पहले वो पाकिस्तान था और उससे भी पहले वो भारत था. वे हिंदू हमारे हैं, हम उनसे जुड़े हैं, इसलिए चिंतित हैं." उन्होंने कहा, "हम भारत सरकार से इसे रोकने की उम्मीद कर रहे हैं और अनुरोध भी कर रहे हैं, लेकिन समय बीतता जा रहा है, हमें इस पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है. यह सोचने वाली बात है कि हिंदूवादी सरकार होने के बावजूद भी भारत सरकार उस पर ठीक से जवाब में सक्षम नहीं है."
इंडिया गठबंधन को लीड करने पर क्या बोले शंकराचार्य
इंडिया गठबंधन को लीड करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये उनका अपना मामला है. उन्होंने कहा, "मैं या बाहर का कोई व्यक्ति उस पर नहीं बोल सकता है. गठबंधन में शामिल सभी दल ये विचार करेंगे कि कौन उनका प्रतिनिधित्व करेगा." मानवाधिकार संगठन सेंटर फॉर डेमोक्रेसी, प्लुरलिज्म एंड ह्यूमन राइट्स (सीडीपीएचआर) ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें अगस्त 2024 में बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद वहां अल्पसंख्यकों की स्थिति पर रिपोर्ट दिया है. इस रिपोर्ट में 150 से अधिक हिंदू परिवारों पर हमले, कई घरों में आग लगाने, करीब 20 मंदिरों में तोड़फोड़ और लूटपाट का दावा किया है.
उत्तरी बांग्लादेश के सुनामगंज जिले में हिंदू समुदाय के घरों, दुकानों और स्थानीय लोकनाथ मंदिर में तोड़फोड़ कर उसे नुकसान पहुंचाने के आरोप में शनिवार (14 दिसंबर 2024) को चार लोगों को गिरफ्तार किया गया. इस मामले में पुलिस ने 12 नामजद सहित 150 से 170 लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया है.
More Stories
आरएसएस चीफ मोहन भागवत के हालिया बयान पर संत समाज की प्रतिक्रिया आई
मोदी रोजगार मेले में 71 हजार कर्मियों को नियुक्ति पत्र प्रदान करेंगे
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल को क्षेत्रीय दलों को कमजोर करने की साजिश करार दिया