भोपाल
अंतर्राष्ट्रीय वन मेले में भोपाल बल्कि आस पास के जिलों से भी बड़ी संख्या में लगभग 30 हज़ार लोगों ने मेले में उत्सुकता से भाग लिया और मेले का लुत्फ़ उठाया। आज तीसरे दिन तक लगभग 20 लाख रूपए के वनोपज हर्बल उत्पाद से निर्मित औषधियों की बिक्री हो चुकी है। मेले में स्थापित ओपीडी में लगभग 200 से अधिक आगंतुको ने नि:शुल्क चिकित्सीय परामर्श प्राप्त किया। शिविर में सुबह 45 एवं शाम 45 आयुर्वेद चिकित्सकों तथा अनुभवी वैद्य ने अपनी सेवाएँ प्रदान की। ओ.पी.डी. में आयुर्वेदिक चिकित्सकों और अनुभवी वैद्य द्वारा नि:शुल्क परामर्श मेले के अंतिम दिन तक जारी रहेगा। लोग लेमन ग्रास, जंगली अदरक, एलोवेरा और आंवला, जंगली अदरक, एवं अन्य वनोपज से बने उत्पादों को जानने एवं खरीदने में काफी रूचि ले रहे है। इस बार मेले में आये आर्गेनिक उत्पाद लोगों का आकर्षण अपने और खींच रहे है इससे आर्गेनिक क्षेत्रों में शामिल हमारे वनांचलों में निवासरत समुदाय भी प्रोत्साहित हो रहे है।
प्रधानमंत्री वन धन केन्द्रों के द्वारा माहुल एवं अन्य पत्तों से बनाए जा रहे दोना-पत्तल जो की सिंगल यूज़ प्लास्टिक का एक अचूक विकल्प है भी लोगों में अपनी विशेष छाप छोड़ रहे है। लोगों का दोना-पत्तल के प्रति उत्साह एवं लगाव को देखते हुए पर्यावरण के प्रति हो रहे दुष्प्रभाव को रोकने कि दिशा में अनूठा प्रयास है। मेले में उज़बेकिस्तान एवं ईथोयोपिया देश के प्रतिनिधियों द्वारा मेले का भ्रमण किया गया एवं इस आयोजन की प्रशंसा की गयी। "लघु वनोपज से महिला सशक्तिकरण" विषय पर 2 दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन अपरमुख्य सचिव, वन अशोक बर्णवाल ने किया। इस अवसर पर वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों भी उपस्थिति थे।
कार्यशाला में ऑस्ट्रेलिया केविषय-विशेषज्ञ ने भी भाग लिया। मध्यप्रदेश के अलावा देश के अन्य राज्यों में उत्तराखण्ड, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ एवं कर्नाटक के विषय-विशेषज्ञ, एकेडेमिक एवं इंडस्ट्री एक्सपर्ट शामिल हुए। अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल ने कहा कि म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा आयोजित यह मेला वनवासियों, ग्रामीणों एवं विशेष तौर पर महिलाओं के आर्थिक विकास का अद्भुत समायोजन है। प्रदेश में लघु वनोपज संग्रहण कार्य में लगभग 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी है। आज की कार्यशाला से प्राप्त होने वाले निष्कर्ष पर विशेष ज़ोर देते हुए कहा की मैदानी स्तर पर वन संरक्षण, आयुर्वेदिक दवाइयों के निर्माण एवं उसमे महिलाओं के योगदान से उनके आर्थिक रूप से सशक्त करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि वन धन केन्द्रों में किये जा रहे मूल्य संवर्धन के कार्य एवं उनके उत्पादों की पैकेजिंग को आकर्षक रूप देकर विपणन को बढ़ावा दिया जा रहा है। वनोउपज संघ के एमडी बिभाष कुमार ठाकुर ने कहा कि दो दिवसीय कार्यशाला में लघु वनोपज के विनाश विहीन विदोहन के माध्यम से प्रदेश के ग्रामीण आंचलों में जनजातीय महिलाओं द्वारा उनके योगदान पर देश-विदेश में हुए विभिन्न अनुसंधानों की जानकारी मिलेगी एवं हम सभी निश्चित ही इससे लाभान्वित होंगे। कार्यशाला से इस क्षेत्र में कार्य करने वाली महिलाओं के सशक्तिकरण में सहयोग प्राप्त होगा।
मेला प्रांगण में आज सुबह 11 बजे से रात्रि 10 बजे तक रंगारंग कार्यक्रम चलते रहे। मेले में आयोजित इंस्ट्रुमेंटल म्यूजिक प्रतियोगिता में लगभग 7विद्यालयों से 25से भी अधिक छात्र छात्राओं ने अपनी अद्भुत कला का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र – छात्राओं को पुरस्कृत किया गया एवं उनकी विलक्षण प्रतिभा को सराहा गया। मेले में दिनेश कुमार धौलपुरे (कबीर भजन गायक) एवं आर्केस्ट्रा (तिरुपा इंडस्ट्रीज) की प्रस्तुति कालोगों नेभरपूर आनंद लिया। सायंकाल में मशहूर हास्य कलाकार एहसान कुरैशी ने प्रस्तुति से उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया।
शुक्रवार 20 दिसम्बर के कार्यक्रम
प्रातः 11:00 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक सोलो और ग्रुप में गायन का कार्यक्रम आयोजित होगा इस आयोजन में कक्षा 1 से 4 तक, 5 से 8 एवं 9 से 12 तक तीन ग्रुप में आयोजित है। इसका पंजीयन प्रथम आवे प्रथम पावे के आधार पर होगा। सायं 5:00 बजे से असलम इब्राहीम शेख़ द्वारा आर्केस्ट्रा की प्रस्तुति दी जाएगी। सायं 7:30 बजे से एल. एन. आयुर्वेद कॉलेज द्वारा प्रायोजित सूफ़ी बैंड (जेर्री एंड क्लेक्टिव्स) कार्यक्रम होगा।
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