नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 10 अगस्त को इन्वेस्टर्स को निवेश का एक मंत्र दिया था। संसद में दिए गए एक भाषण में उन्होंने निवेशकों को सरकारी कंपनियों पर दाव लगाने का सुझाव दिया था। मोदी के इस भाषण के बाद से कम से कम 22 सरकारी कंपनियों ने मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। यानी पिछले छह महीने में इन शेयरों की कीमत में 100% से ज्यादा तेजी आई है। इस दौरान 56 शेयरों वाले बीएसई पीएसयू इंडेक्स की मार्केट वैल्यू 66% तेजी के साथ 59.5 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है। इस दौरान निवेशकों को 23.7 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ है।
दिलचस्प बात है कि प्रधानमंत्री के भाषण के बाद से किसी भी सरकारी कंपनी ने पिछले छह महीने में निगेटिव रिटर्न नहीं दिया है। सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला एसबीआई का शेयर भी इस दौरान 12 परसेंट उछला है जबकि एनबीसीसी के शेयरों में सबसे ज्यादा 249% तेजी आई है। इस दौरान आईआरएफसी के शेयरों में 225% तेजी आई है। इसके अलावा हुडको, आईटीआई, एसजेवीएन, कोचीन शिपयार्ड, एमएमटीसी, बीएचईएल, आरईसी, मेंगलौर रिफाइनरी, आरवीएनएल, पीएफएस, एनएमडीसी, एनएलसी इंडिया, इरकॉन, द न्यू इंडिया एश्योरेंस और जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ने अपने निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इडिया और यूको बैंक ने भी इस दौरान निवेशकों का पैसा डबल किया है।
क्या कहा था मोदी ने
अगर पिछले एक साल की बात करें तो इस दौरान 35 सरकारी कंपनियों ने मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। इस दौरान आईआरएफसी ने सबसे ज्यादा चार गुना रिटर्न दिया है। इस स्टडी में केवल उन्हीं स्टॉक्स को शामिल किया गया है जो बीएसई पीएसयू इंडेक्स में शामिल हैं। मोदी ने पिछले साल लोकसभा में उनकी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा था, 'शेयर मार्केट में रुचि रखने वाले को यह गुरु मंत्र है कि जिन सरकारी कंपनियों को ये लोग (विपक्ष) गाली दें, आप उसपे दाव लगा दीजिए। सब अच्छा ही होने वाला है।' मोदी ने खासकर एलआईसी और एचएएल की बात कही थी। पिछले छह महीने में एलआईसी के शेयरों में 56% और एचएएल के शेयरों में 55% तेजी आई है।
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