भोपाल
मध्यप्रदेश के चारों बड़े शहरों सहित खजुराहो का हवाई हड्डा भी नुकसान में चल रहा है. विमान यात्रियों की कमी है और रख रखाव का खर्च ज्यादा है. इनमें सबसे अधिक नुकसान में भोपाल का राजाभोज एयरपोर्ट हैं. बीते एक साल में भोपाल का हवाई अड्डा को 55.61 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि दावा किया था प्रदेश के हवाईअड्डों से देश भर की कनेक्टिविटी के बाद ये हवाई अड्डे फायदे में आ जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
भोपाल समेत सभी एयरपोर्ट घाटे में
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी भोपाल सहित ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर और खजुराहो के हवाई अड्डे नुकसान में हैं. एएआई की रिपोर्ट के मुताबिक ,राजधानी भोपाल का हवाई अड्डा सबसे अधिक नुकसान में है. बीते एक साल में भोपाल के हवाई अड्डा को 55.61 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, जबकि दूसरे नंबर पर इंदौर का देवी अहिल्या बाई होल्कर हवाई अड्डा है, यहां एक वर्ष में 40.24 करोड़ का नुकसान हुआ है. जबकि साल 2019-20 में इंदौर के हवाई अड्डे से 4.47 करोड़ की आय हुई थी, लेकिन उसके बाद से ही यह हवाई अड्डा नुकसान में चल रहा है.
सबसे कम नुकसान ग्वालियर से
राज्य विमानपत्तर प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे कम नुकसान प्रदेश के ग्वालियर हवाई हड्डे से है. ग्वालियर हवाई अड्डा से बीते एक साल में 4.32 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. जबकि जबलपुर से 10.96 करोड़ और खजुराहो एयरपोर्ट से 29.33 करोड़ का नुकसान हुआ है.
खर्च ज्यादा, आय कम
एएआई मानना है कि कोरोना संक्रमण काल के बाद से स्थितियों में सुधार नहीं आ पा रहा है. एएआई की रिपोर्ट के अनुसार हवाई अड्डों के रखरखाव में खर्च में लगातार इजाफा होता जा रहा है, जबकि यात्रियों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे आय नहीं बढ़ रही. खर्च कम करने के लिए अब सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जिससे बिजली खर्च में कमी आएगी.
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