नई दिल्ली
पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने के साथ ही भाजपा और रालोद के बीच लोकसभा चुनाव में गठबंधन पर भी मुहर लग गई है। रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने खुद इसकी पुष्टि कर दी है। उन्होंने गठबंधन को लेकर मीडिया के सवालों पर कहा, 'क्या अब भी कोई कसर रहती है। आज मैं किस मुंह से आपके सवालों को इनकार करूं।' खबर यह भी है कि भाजपा के साथ लोकसभा चुनाव में सीटों पर भी डील हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा नेतृत्व ने जयंत चौधरी को बागपत और बिजनौर लोकसभा सीटों का ऑफर दिया है। वहीं केंद्र में सरकार बनने पर मंत्री पद का भी प्रस्ताव रखा गया है।
राष्ट्रीय लोकदल और भाजपा पहले भी 2009 के आम चुनाव में साथ मिलकर चुनाव लड़ चुके हैं। तब रालोद को 5 सीटें मिली थीं। लेकिन 2014 और 2019 में अलग होकर इलेक्शन लड़ने पर खाता तक नहीं खुल सका था। साफ है कि रालोद को चुनावी तौर पर भाजपा का साथ भाता रहा है और अब फिर से दोनों दल साथ आए हैं। यूपी की राजनीति को समझने वाले मानते हैं कि आरएलडी जाटों की पार्टी कहलाती है, लेकिन बिरादरी का बड़ा वोट भाजपा को भी मिलता रहा है। इसके अलावा दूसरी जातियों के वोट इसलिए रालोद को नहीं मिलते थे क्योंकि उसे जाटों की पार्टी माना जाता है। ऐसे में वह दोतरफा नुकसान झेल रही थी।
अब भाजपा के साथ आने पर रालोद जाट वोट बंटने से भी रोक सकेगी। इसके अलावा भाजपा के हिस्से के वोट भी मिल पाएंगे। भले ही समाजवादी पार्टी से डील में उसे 7 सीटें मिल रही थीं, लेकिन उसके लिए भाजपा के मुकाबले जीतना मुश्किल था। अब भाजपा से 2 सीटें ही मिल रही हैं, लेकिन दोनों पर उसकी जीत की पक्की दावेदारी होगी। इस लिहाज से जयंत चौधरी का यह गठबंधन का फैसला स्मार्ट मूव कहा जा सकता है। फिर भाजपा ने चौधरी चरण सिंह को सम्मान देकर गठबंधन के लिए मजबूत जमीन तैयार कर ही दी है।
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