तुलसी एक जड़ी-बूटी है और आयुर्वेद में इसे रामबाण माना जाता है। इसे आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों की रानी भी कहा जाता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार इसमें पाए जाने वाले एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-पायरेटिक, एंटीसेप्टिक, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-कैंसर जैसे गुण पाए जाते हैं।
कई गंभीर बीमारियों में इसके चमत्कारी प्रभाव भी देखे गए हैं। कई हर्बल दवाओं में इसकी जड़, पत्ते और बीज का इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी के पत्ते के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं और इसे आयुर्वेद, होम्योपैथी और अन्य चिकित्सा पद्धतियों में उपयोग किया जाता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है
तुलसी के बीज में फ्लैवोनोइड्स और फेनोलिक यौगिक होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुधारने में मदद हैं। इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए तुलसी की चाय भी काफी फायदेमंद है। तुलसी में पाए जाने वाले फ्लैवोनोइड्स एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है
तुलसी के बीज में फ्लैवोनोइड्स और फेनोलिक यौगिक होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुधारने में मदद हैं। इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए तुलसी की चाय भी काफी फायदेमंद है। तुलसी में पाए जाने वाले फ्लैवोनोइड्स एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं।
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