रायपुर
आखिर वही हुआ जिसकी संभावना थी। जैसे ही सदन में आरक्षण का विषय आया पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने बाहें खींच ली और हंगामा शुरू हो गया। पहले दस मिनट के लिए स्थगन हुआ फिर भी विवाद नहीं थमा तो विधानसभा अध्यक्ष ने कल तक के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित करने की घोषणा कर दी लेकिन इससे पहले उन्होने सदस्यों को यह जरूत चेताया कि राजभवन व राज्यपाल की अपनी गरिमा व मयार्दा है इस पर टीका टिप्पणी सदन के भीतर बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
विधायक मोहन मरकाम ने आदिवासी आरक्षण को लेकर अपनी बात रखी जिसका विपक्षी सदस्यों ने विरोध किया। इस पर पक्ष और विपक्ष की ओर से शोरशराबा को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने सदन की कार्यवाही को दस मिनट के लिए स्थगित कर दिया। विधानसभा की कार्रवाई दोबारा शुरू होते ही फिर आरक्षण विधेयक में देरी का मुद्दा उठाया गया और एक बार फिर पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा होने लगा। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने निर्देश दिया कि राजभवन और राज्यपाल के प्रति मयार्दा का पालन हो। राज्यपाल पर की गई टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राज्यपाल पर कोई अशोभनीय बात सदन की मयार्दा के विपरीत होगी। लेकिन पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के चलते विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई को कल तक के लिए स्थगित कर दी।
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