उज्जैन
बाबा महाकाल की छटवीं सवारी 14 अगस्त को निकलेगी, जिसमें बाबा महाकाल नव निर्मित रथ में विराजमान होंगे। इस बार श्रावण का अधिकमास आने से सवारी की संख्या 10 हो गई है और प्रत्येक सवारी में बाबा का एक स्वरूप बढ़ता जा रहा है। इसलिए 10 सवारी में 10 रुप निकालने के लिए मंदिर समिति को इस बार नए स्वरूप के साथ ही नए रथों की व्यवस्था भी करना पड़ी है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि श्रावण का अधिकमास होने से 10 सवारी के लिए पालकी व हाथी के साथ आठ रथ निकलना हैं। समिति के पास चार रथ पहले से उपलब्ध हैं। इसलिए चार नए रथ बनवाए गए हैं। इसमें दानदाताओं का भी सहयोग लिया गया है। दो रथ मंदिर में बनकर भी आ गए हैं। शेष रथ भी जल्द आ जाएंगे। इस बार सवारी में बाबा महाकाल भक्तों को घटाटोप स्वरूप में नए रथ में विराजमान होकर दर्शन देने निकलेंगे।
प्रत्येक सवारी में बढ़ेगा एक स्वरूप
महाकाल मंदिर के पुजारी पं अभिषेक शर्मा (बाला गुरु) ने बताया कि पुराने समय से ही बाबा के कई स्वरूप चांदी के बने हुए हैं। जो परंपरागत रूप से महाकाल की सवारी में निकलते आए हैं। इस बार श्रावण के साथ अधिकमास आने से सवारी की संख्या बढ़कर 10 हो गई तो कुछ स्वरूप व रथ बढ़ाने पड़े हैं। अभी 14 अगस्त को छटवीं सवारी निकलेगी। इसके बाद सातवीं, आठवीं, नौवीं और आखिरी शाही सवारी दसवीं होगी हर सवारी में एक स्वरूप बढ़ेगा।
रथ पर की गई है विशेष नक्काशी
बाबा महाकाल की सवारी के लिए विशेष रथ तैयार करवाए गए हैं। लकड़ी के बने इस रथ में विशेष नक्काशी की गई है। मंदिर प्रबंध समिति ने दानदाताओं के सहयोग से इन रथों का निर्माण कराया है। दानदाताओं के सहयोग से बने रथों में से एक रथ महाकाल मंदिर पहुंच गया हैं।
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