बीजापुर.
बीजापुर जिले के बोड़गा गाँव में 12 मार्च को हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ के बाद घायल हुए महिला के भतीजे ने पुलिस जवानों के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि जवानों ने घर में बच्चों को खाना खिला रही बुआ को गोली मारते हुए चले गए। महिला को 24 घंटे के बाद अस्पताल ले जाया गया, जहाँ से उसे मेकाज रेफर किया गया है, बुआ की हालत काफी खराब है।
मामले की जानकारी देते हुए घायल महिला राजे ओयाम के भतीजे फगनू मरकाम ने बताया कि जवानों के द्वारा पहले रेखावाई, उसके बाद बेड़मा और फिर बोड़गा गांव पहुँची, जहाँ पर पुलिस और नक्सलियों के बीच में गोलीबारी शुरू हो गई, जिसके बाद गांव में रहने वाले ग्रामीण डर के चलते घरों में दुबक कर बैठ गए, करीब आधा घंटे तक चले मुठभेड़ के बाद बुआ राजे ओयाम अपने पति गुड्डो व तीन बच्चों के साथ घर में बच्चों को खाना खिला रही थी, तभी जवानों की एक टीम घर में घुसकर बुआ के पीठ व कमर में गोली मारकर वहां से चली गई। इससे पहले जवानों के द्वारा बोड़गा गांव के सोमा गुमटी, बैल पंचायत से मनकू परसा को भी अपने साथ उठाकर ले गई, लेकिन शाम को उन दोनों को छोड़ दिया गया। महिला के भतीजे ने बताया कि घायल महिला को पीठ व कमर में गोली लगने व पुलिस डर के चलते उसे स्वास्थ्य केंद्र नही ले जाया गया, रात भर घर मे देसी इलाज के माध्यम से उसका इलाज किया गया, इसके बाद 13 मार्च की सुबह महिला को एम्बुलेंस के माध्यम से भैरमगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए जगदलपुर रेफर किया गया।
गांव वालों को भी पीटा
घायल महिला की भाभी सरस्वती ने भी आरोप लगाते हुए बताया कि जब पुलिस गोली मारकर जा रहे थे तो ग्रामीणों ने जवानों को रोका भी, जिसके बाद पुलिस जवानों ने ग्रामीणों के साथ मारपीट भी किया, जिसके बाद गांव में डर का माहौल देखा जा रहा है।
सुरक्षा घेरे में महिला
मेकाज पहुंचने के बाद घायल महिला राजे ओयम को पुलिस निगरानी में रखा गया है, जिसके कारण किसी को भी महिला से मिलने नही दिया जा रहा है।
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