December 24, 2024

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राजधानी से अगवा की गई दोनों मासूम बच्चियां बरामद, 3 महिलाओं गिरफ्तार

भोपाल

राजधानी भोपाल में कन्या भोज करने के नाम पर अगवा की गई दोनों बच्चियों को क्राइम ब्रांच और भोपाल पुलिस ने कड़ी मेहनत के बाद ढूंढ निकाला और बच्चों को छुड़ा लिया है। यहां से पुलिस को दो अन्य बच्चे भी मिले हैं इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं।

बता दे भोपाल पुलिस ने सोमवार रात कोलार क्षेत्र में इंग्लिश विला से दो दो बच्चियों को छुड़ा लिया। दरअसल, शनिवार सुबह कन्या भोज करने के नाम पर भोपल के कर्फ्यू वाले माता मंदिर के बाहर काजल (8 साल) और दीपावली (11 महीने) की बच्चियों को किडनैप कर लिया गया था। इसके बाद भोपाल क्राइम ब्रांच और पुलिस की 5 टीमें सर्चिंग अभियान चला रही थी संदीप महिलाओं पर ₹30000 का नाम घोषित किया गया था।

किडनैप की गई दो बच्चों को पुलिस ने बरामद किया

बच्चियों की तलाश में पुलिस ने तीनों रेलवे स्टेशन और नादरा बस स्टैंड समेत अन्य बस स्टैंड पर आने जाने वाले करीब 200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे को खंगाला। इसके बाद पुलिस ने रोड में तैयार किया और सोमवार रात करीब 9:00 बजे कोलार के इंग्लिश विला स्थित मकान में दबी दी जहां से पुलिस ने आरोपी अर्चना, मुस्कान, सूरज भाई और निशांत को गिरफ्तार किया है। तीन आरोपी आपस में भाई-बहन है, जबकि अर्चना और निशान पति-पत्नी है। घर की तलाशी में दोनों बच्चे मिल गई।

आरोपियों के घर पहरा दे रहे थे विदेशी कुत्ते

पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने 8 दिन पहले ही कोलार के इंग्लिश विला में मकान किराए पर लिया था। बच्चों की निगरानी के लिए आरोपियों ने विदेशी कुत्ते पाल रखे थे। इसके अलावा एक पुरानी कार भी आरोपियों के पास मिली है। घर में दो अन्य बच्चे भी मिले हैं, जिन्हें आरोपियों ने अपने परिवार का बताया है। फिलहाल पुलिस अभी उनसे पूछताछ कर रही है।

बता दे कि फरियादी लक्ष्मी और रवीना ने तलैया थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि वे शनिवार को मंदिर के बाहर बैठी थी। तभी 10 बजे दो महिलाएं आई। एक दूर खड़ी रही। एक ने पास आकर कहा कि वे कन्या भोज करा रही है। बच्चों को खाना खिलाना है। हमने सोचा कि कई लोग यहां आते हैं। वे गरीबों को भोजन करते रहते हैं। पैसा देते हैं, इन महिलाओं की यही इच्छा होगी। हमने दोनों बच्चियों को खाना खिलाने ले जाने दिया लगा था कि नवरात्रि चल रहे हैं मंदिर के बाहर बैठकर ही बच्चों को खाना खिला देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चंद मिनट बाद ही दोनों बच्चे आंखों से ओझल हो गई।