संभल.
एक स्थानीय अदालत ने शहर में स्थित शाही जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया है. वकील विष्णु शंकर जैन की याचिका पर कोर्ट ने सर्वेक्षण के लिए निर्देश दिया. याचिकाकर्ता ने खुद ‘एक्स’ पर मंगलवार को इस बात की जानकारी दी. इस कथित मस्जिद को हरि हर मंदिर के नाम से भी जाना जाता था. विष्णु शंकर जैन ने लिखा, “आज सिविल कोर्ट संभल ने मेरी याचिका पर संभल में कथित जामी मस्जिद, जिसे हरि हर मंदिर के नाम से जाना जाता था, में एडवोकेट कमिश्नर द्वारा सर्वेक्षण का निर्देश दिया है. 1529 में बाबर ने इस स्थान को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया. ऐसा माना जाता है कि कल्कि अवतार संभल में होगा.”
कौन हैं विष्णु शंकर जैन
विष्णु शंकर जैन वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन के पुत्र हैं. यह पिता-पुत्र की जोड़ी श्रीकृष्ण जन्मभूमि, ज्ञानवापी शृंगार गौरी समेत 110 मामलों की पैरवी कर रही है. विष्णु शंकर जैन अपने पिता की तरह ही वकालत कर रहे हैं. आपको बता दें कि विष्णु शंकर जैन ने 2010 में बालाजी लॉ कॉलेज से डिग्री हासिल की थी. इसके साथ ही इन्होंने अपने वकालत करियर की शुरूआत विश्व प्रसिद्ध श्रीराम जन्मभूमि केस से की थी. इस केस के अलावा पिता-पुत्र की इस जोड़ी ने 2021 में ज्ञानवापी मस्जिद, श्री कृष्ण जन्मभूमि, ताजमहल के पूर्व शिवमंदिर होने का दावा, वर्शिप एक्ट और वक्फ एक्ट 1995 को भी चुनौती देते हुए कोर्ट में वाद दायर किए हुए हैं.
जामा मस्जिद का क्या है इतिहास
संभल शहर के मध्य में स्थित जामा मस्जिद मुस्लिम समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है. इसका निर्माण मुगल काल के दौरान हुआ था. हालांकि, इसके निर्माण के ठीक समय और अन्य विवरणों के बारे में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है. लेकिन यह माना जाता है कि इसका निर्माण पूरे उत्तर भारत पर मुगल साम्राज्य के शासन के दौरान 16वीं शताब्दी के आस-पास हुआ होगा.
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