भोपाल
आरक्षक से लेकर निरीक्षक स्तर तक के पुलिसकर्मियों और अफसरों की बच्चियों के लिए प्रदेश के भोपाल, इंदौर और ग्वालियर शहरों में हॉस्टल की व्यवस्था पुलिस मुख्यालय करने जा रहा है। यह हॉस्टल एक जुलाई से शुरू करने की तैयारी है। इन तीनों हॉस्टल में पांच सौ से ज्यादा बच्चियां रहकर इन शहरों में अपनी पढ़ाई कर सकती है। प्रदेश पुलिस में पहली बार पुलिस जवानों और अफसरों की बच्चियों के लिए यह व्यवस्था की गई है।
पुलिसकर्मियों और अफसरों की बेटियों के लिए हॉस्टल बनाने की प्रक्रिया करीब 6 साल पहले शुरू हुई थी। अब ये अपने अंतिम चरण में हैं। डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना ने एक जुलाई से इन हॉस्टल को शुरू करने के निर्देश दिए हैं। जिसमें 18 से 26 वर्ष तक की बच्चियां रहकर पढ़ाई कर सकती है। भोपाल में 208, इंदौर में 162 और ग्वालियर में 148 बच्चियों के रहने की व्यवस्था इन हॉस्टल में रहेगी।
पुलिस कल्याण शाखा ने तय किया है कि इसमें किसी भी अभ्यर्थी को प्रवेश चार साल की अवधि तक ही दिया जाएगा। चार साल से ज्यादा हॉस्टल के उपयोग की पात्रता किसी को नहीं दी जाएगी। साथ ही यह भी तय कर दिया गया है कि ये हॉस्टल जिला पुलिस बल संचालित करेगा। हॉस्टल के लिए एक समिति बनाई जाएगी। जिसमें भोपाल और इंदौर के संबंधित जोन के डीसीपी के अध्यक्ष होंगे।
वहीं पुलिस कमिश्नर किसी अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त या सहायक आयुक्त स्तर की महिला पुलिस अधिकारी को इस समिति का सचिव बनाया जाएगा। ग्वालियर में इस समिति के अध्यक्ष एसपी होंगे। हालांकि इन हॉस्टल में किराया कितना देना होगा यह तय नहीं किया गया है।
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