नई दिल्ली
देश की उत्तरी और पश्चिमी सीमा पर बनी हुई सुरक्षा चुनौतियों के बीच रक्षा मंत्रालय द्वारा सेना के लिए निगरानी हेलिकॉप्टर और सभी परिस्थितियों में कारगार वाहन (एटीवी) की खरीद की जाएगी। इस बाबत सूचना के लिए अनुरोध (आरएफआई) जारी किया गया है। जिसके मुताबिक उक्त रक्षा सामग्री की खरीद मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रमों के जरिए की जाएगी। साथ ही इसमें वर्ष 2020 में बनाई गई रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीएपी) के दूसरे अध्याय की श्रेणियों की भी अहम भूमिका होगी। आरएफआई निकालने के पीछे उत्पाद सेवा से जुड़ी गुणवत्ता जरूरतों को अंतिम रूप देना है।
जिसके जरिए खरीद की श्रेणी और चिन्हित भारतीय खरीदार के बारे में अंतिम निर्णय किया जाएगा। जो कि समझौते के दो वर्ष के अंदर इन सैन्य उत्पादों को अन्य जरूरी चीजों के साथ बल को सौंप देंगे। आरएफआई में इस निगरानी हेलिकॉप्टर के प्रयोग से जुड़े हुए भौगोलिक माहौल का भी जिक्र किया गया है। इसमें बताया गया है कि इसे देश की पश्चिमी सीमा पर मैदान और मरुस्थली इलाके में प्रयोग किया जाएगा। इसके अलावा करीब 4 हजार 500 मीटर के पहाड़ी क्षेत्र में भी यह कारगर साबित होगा। वहीं, एटीवी सेना के पैदल दस्ते को जरूरत पड़ने पर सीमा पार रणनीतिक गतिविधियों में बेहद सहायक सिद्ध होगा।
इसकी मदद से सैन्य अभियानों के दौरान निगरानी, हथियारों की तैनाती के लिए मोबाइल प्लेटफार्म और लॉजिस्टिक पुन:सप्लाई में मदद मिलेगी। इसके अलावा सेना को आकाशतीर परियोजना के जरिए 107 नियंत्रण, रिपोर्टिंग सिस्टम की आपूर्ति की गई है। जबकि बाकी 105 को मार्च 2025 तक सौंपा जाएगा। इसके बाद 2027 के मध्य तक सभी सिस्टम सेना के युद्धक बेड़े में शामिल हो जाएंगे।
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