भोपाल
जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्षों को और अधिक पॉवर की दरकार है। वे चाहते है कि जिला पंचायत के सीईओ की सीआर (गोपनीय चरित्रावली) लिखने का अधिकार उन्हें मिले साथ ही जिला पंचायत के अधीन आने वाले सभी विभागों पर प्रशासनिक और वित्तीय नियंत्रण जिला पंचायत में समाहित हो और अध्यक्ष के अनुमोदन पर ही गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाए।
जिला पंचायत अध्यक्ष संघ के अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल को पत्र लिखकर अध्यक्ष और उपाध्यक्षों को और अधिक अधिकार सम्पन्न बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि पंचायत राज अधिनियम 1994 के तहत भारत सरकार द्वारा लागू किये गये अधिकार उन्हें प्रदान किए जाए ताकि प्रदेश के विकास में जिला पंचायत अध्यक्ष भी योगदान दे सकें। उनका कहना है कि जिला पंचायतों में अभी पूरे पॉवर जिला पंचायतों के सीईओ के पास है। यदि अध्यक्षों को सीईओ की सीआर लिखने के पावर दे दिए जाएं तो वे उनकी बात सुनेंगे भी और मानेंगे भी। वहीं यदि जिला पंचायतों के अधीन आने वाले सभी विभागों पर वित्तीय और प्रशासनिक नियंत्रण जिला पंचायत में समाहित हो और अध्यक्ष के अनुमोदन पर गतिविधियों का क्रियान्वयन हो तो अध्यक्ष अपने क्षेत्र में जरुरत के मुताबिक विकास कार्य करवा सकेंगे और आमजनता को भी राहत प्रदान कर सकेंगे।
प्रोटोकॉल का नहीं हो रहा पालन
जिला पंचायत अध्यक्ष को शासन द्वारा राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है जिसमें प्रोटोकाल का पालन नहीं किया जा रहा है। राजपूत ने मांग की है कि इस संबंध में स्पष्ट दिशा निर्देश जिलों में जारी किए जाने चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की है कि जिले में पचास लाख रुपए प्रति विधानसभा के मान से जिला पंचायत अध्यक्षों को राशि प्रदान की जाए जिससे जिले में भ्रमण के समय मांग के अनुसार विकास कार्य किये जा सकें। अध्यक्षों की मांग है कि ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत जिले के सभी तृतीय वर्ग श्रेणी के कर्मचारियों के स्थानांतरण और कर्मचारियों की रिक्त पदों पर पदोन्नति करने अथवा सीधे भरने के अधिकार जिला पंचायत को सौपे जाए। जिस तरह जिला मुख्यालयों पर मंत्रियों को राष्टÑीय पर्व के दौरान ध्वजारोहण करने के अधिकार दिए गए है जिन जिला मुख्यालयों पर मंत्री नहीं पहुंच पाते उन जिलों में जिला पंचायत अध्यक्षों को ध्वजारोहण करने के लिए अधिकृत किया जाए।
मंत्रीजी कलेक्टर-एसपी हमारे फोन नहीं उठाते, फसल कटाई को मनरेगा में शामिल करें
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्षों से चर्चा के लिए उन्हें अपने बंगले पर पिछले दिनों बुलाया तो इसमें कई अध्यक्ष उपाध्यक्ष अफसरों की नाफरमानी से नाराज नजर आए। कुछ अध्यक्षों का कहना था कि जिले के कलेक्टर-एसपी उनके फोन नहीं उठाते वहीं कुछ उपाध्यक्षों ने कहा कि जिले में शिक्षा विभाग और कई अन्य विभागों में उपाध्यक्ष समितियों मे अध्यक्ष है लेकिन विभागीय गतिविधियों में उन्हें आमंत्रित नहीं किया जाता। उनके अधीनस्थ अमले को बदलने के लिए उनकी कोई सहमति नहीं ली जाती। कुछ अध्यक्षों ने मांग उठाई कि फसल कटाई का काम भी मनरेगा में शामिल किया जाए। जिले में उन्हें आवास दिए जाए और राजधानी में आते है तो उन्हें वहां विधायकों की तरह गेस्टहाउस मे रुकने की सुविधा दी जाए।
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