बिलासपुर
एसईसीएल मुख्यालय में आज बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती अधिकारी, कर्मचारियों, महिलाओं, बच्चों और श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच मनाई गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि निदेशक निदेशक तकनीकी (संचालन) एस. के. पाल थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में निदेशक (वित्त) जी श्रीनिवासन, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एस.एन. कापरी, निदेशक (कार्मिक) देबाशीष आचार्या व एसईसीएल संचालन समिति के हरिद्वार सिंह उपस्थित थे।
उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि बाबा साहब की समाजोन्मुख सोच के परिणामस्वरूप भारतीय समाज में एक नई चेतना का विस्तार हुआ और समाज में काफी सकारात्मक बदलाव आए। बाबा साहब को सामाजिक विचारधारा में परिवर्तन लाने का श्रेय जाता है। बाबा साहब भारतीय संविधान के रचनाकार हैं। इस संविधान से हम सभी अपने अधिकारों व कर्तव्यों से अवगत हुए हैं। उन्होंने समाजोद्धार के लिए जो भी संदेश, विचार, क्रियाकलाप, सिद्धांत बताए हैं उसे अपनाकर हम समाज की उन्नत्ति में अपना योगदान दे सकते हैं।
इस अवसर पर श्रम संघ प्रतिनिधि ओपी नवरंग, कृष्णा सूर्यवंशी, डी. पी. दिवाकर व राहुल दास ने अपने सम्बोधनों में अंबेडकर के जीवन पर विस्तृत प्रकाश डाला और कार्यक्रम के आयोजन पर प्रबंधन को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में कार्मिक प्रशासन महाप्रबंधक डा. केएस जार्ज, विभिन्न विभागाध्यक्ष, विभिन्न श्रमसंघ प्रतिनिधि, एससी-एसटी एसोसिएशन सिस्टा के पदाधिकारी, अधिकारी, कर्मचारी, महिलाएं व बच्चों की उपस्थिति रही।कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने गौतम बुद्ध व बाबा साहब के चित्र के सामने दीप प्रज्ज्वलित किया और माल्यार्पण किया। दिशा खोब्रगड़े, सुनील मेश्राम और निशा ठावरे इस अवसर पर बुद्ध वंदना की। कार्यक्रम का संचालन राजभाषा उप प्रबंधक सविता निर्मलकर ने किया। इस अवसर पर डॉ. जार्ज की अगुवाई में विभिन्न श्रमसंघ प्रतिनिधियों ने शासकीय बालिका कल्याण गृह, इंदिरा विहार, बिलासपुर में विविध दैनिक उपयोग की वस्तुएं प्रदान की।
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