नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल मामले में आज फिर एक बार सुनवाई की है। सुनवाई करने वाले पांच जजों की संविधान पीठ में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिसरा शामिल रहें। इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने SBI को फटकार लगते हुए कहा SBI से सभी विवरण का खुलासा करने को कहा गया था और इसमें इलेक्टोरल बॉन्ड की संख्या भी शामिल थी।
सुनवाई में क्या-क्या बोले सीजेआई
सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस अदालत ने कार्यवाही को तार्किक और पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए चुनावी बान्ड योजना पर जानकारी का खुलासा करने का निर्देश दिया था। इस प्रकार पैरा बी और सी में ऑपरेटिव निर्देश जारी किए थे। पैरा बी में एसबीआई को 12 अप्रैल, 2019 से फैसले की तारीख तक इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद का डिटेल प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। इसमें पैरा सी में नाम, मूल्यवर्ग आदि शामिल होंगे। सीजेआई ने कहा कि हमने चुनावी बांड के माध्यम से धन प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों की जानकारी मांगी थे.. और एसबीआई को ऐसे नकदीकरण की तारीख सहित राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक बांड के विवरण का खुलासा करना था। यह इंगित करता है कि एसबीआई को खरीद और भुनाने के संबंध में सभी डिटेल देने थे। इसमें कोई संदेह नहीं है कि एसबीआई अपने साथ सभी सूचनाओं का खुलासा करेगा। इसमें चुनावी बांड नंबरों या अल्फा न्यूमेरिक नंबरों का विवरण शामिल होगा।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि SBI को विवरण का खुलासा करने में चयनात्मक नहीं होना चाहिए।सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वे चाहते हैं कि SBI के पास इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जो भी जानकारी है वे सारी जानकारी सार्वजनिक की जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चुनावी बाॅन्ड के अल्फ़ान्यूमेरिक कोड का खुलासा न करने पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को नोटिस जारी किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 15 फरवरी के आदेश में कहा था, "एसबीआई को राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करना होगा जिसमें भुनाने की तारीख और चुनावी बांड का मूल्य शामिल होगा। एसबीआई इस फैसले की तारीख से तीन सप्ताह के भीतर 6 मार्च 2024 तक उपरोक्त जानकारी ईसीआई को प्रस्तुत कर दी थी।
एसबीआई को दाखिल करना होगा हलफनामा
चीफ जस्टिस ने कहा कि साल्वे का कहना है कि सभी विवरण प्रस्तुत किए जाएंगे। हम एसबीआई चेयरमैन को गुरुवार शाम 5 बजे एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं। इसमें कहा गया है कि पैरा 221 में दिए गए निर्देशों के अनुसार कोई भी जानकारी प्रकटीकरण से नहीं रोकी गई है। ईसीआई एसबीआई से डेटा प्राप्त होने के बाद तुरंत विवरण अपलोड करेगा।
पाँच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को वर्ष 2018 में शुरू की गई चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक करार दिया और एसबीआई को तत्काल इन्हें जारी करने से रोकने का आदेश दिया।
SBI ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा जारी करते हुए बताया था की उपरोक्त डेटा 1 अप्रैल 2019 और 15 फरवरी 2024 के बीच खरीदे और भुनाए गए बांडों के संबंध में है।”एसबीआई ने बताया कि 1 अप्रैल 2019 और 15 फरवरी 2024 के बीच कुल 22,217 बांड खरीदे गए और राजनीतिक दलों द्वारा 22,030 बांड भुनाए गए।
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