भोपाल
प्रदेश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने दूरसंचार के लिए डाली गई केबल और पाइपलाइन को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए एप का उपयोग करने के निर्देश प्रदेश के आधा दर्जन से अधिक विभागों को जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि सार्वजनिक स्थानों, सड़कों की खुदाई करने के लिए विभागों का अनुमोदन लेते समय इसका काम लेने वाली एजेंसी के लिए सीबीयूडी एप का उपयोग जरूरी किया जाए। इसके साथ ही आसपास के लोगों को भी इसके लिए सूचना देकर जानकारी दी जाए।
एसीएस, पीएस और सचिव नगरीय विकास और आवास, खनिज साधन विभाग, ऊर्जा, लोक निर्माण विभाग, पीएचई, नर्मदा घाटी विकास विभाग, परिवहन विभाग, जल संसाधन और पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग को ये निर्देश प्रमुख सचिव विज्ञान और प्रौद्योगिकी निकुंज श्रीवास्तव ने जारी किए हैं और कहा है कि इसके उपयोग के बाद हर साल होने वाली करोड़ों रुपए की क्षति को रोकने में मदद मिलेगी। सूत्रों के अनुसार अभी ये होता है कि खुदाई के दौरान जमीन के नीचे पहले से बिछे तार या पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो जाती है। इस वजह से कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ये एप इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए बनाया गया है। इस एप के जरिए खुदाई से पहले जमीन के नीचे मौजूद केबल, तार या पाइपलाइन के बारे में पता लगाया जा सकता है।
एप के जरिए अंडरग्राउंड केबल और पाइलपाइन को सुरक्षित किया जाएगा। एप आॅप्टिकल फाइबर केबल, पानी और गैस पाइपलाइन, बिजली की केबल और इंटरनेट केबल को भी नुकसान से बचाएगी। वर्तमान में जल विभाग, दूरसंचार विभाग और परिवहन विभाग के कार्यों के दौरान जमीन के नीचे मौजूद केबल, तार या पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो जाती है। इस वजह से विभागों को खासा नुकसान उठाना पड़ता है। कई बार गैस पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने से हादसे भी हो जाते हैं। बताया गया कि एप पर 25000 से ज्यादा ऐसे विभागों और एजेंसियों की जानकारी है जिनकी पाइपलाइन या केबल जमीन के नीचे बिछी हुई है। ये सभी विभाग और एजेंसियां अपनी मौजूदा पाइपलाइन/केबल और मोबाइल नंबर जैसी जानकारी एप पर अपडेट करते रहेंगे।
खुदाई के पहले केबल की मिलेगी रिपोर्ट
बताया गया कि इस एप के उपयोग के बाद कहीं भी खुदाई की स्थिति में जमीन में मौजूद केबल की जानकारी पहले से मिल जाएगी और संबंधित एजेंसी से संपर्क किया जा सकेगा। खुदाई करने से पहले केबल या पाइपलाइन संचालक से सीधे नंबर पर या एप के जरिए भी संपर्क किया जा सकता है। एप से संपर्क करने पर इसकी जानकारी मौजूदा पाइपलाइन या केबल संचालक को एसएमएस के माध्यम से पहुंचाई जाएगी।
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