भारत सरकार धोखाधड़ी करने वाले लोन ऐप्स को रोकने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि सरकार इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और अन्य नियामकों के साथ मिलकर काम कर रही है. वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY) की जानकारी के अनुसार, अप्रैल 2021 से जुलाई 2022 के बीच गूगल ने लगभग 3,500 से 4,000 लोन ऐप्स की जांच की और अपने प्ले स्टोर से 2,500 से अधिक ऐप्स को हटा दिया.
गूगल प्ले स्टोर से हटे 2,200 धोखाधड़ी वाले लोन ऐप्स
उसी तरह, सितंबर 2022 से अगस्त 2023 के दौरान, Google Play Store से 2,200 से अधिक लोन ऐप्स को हटा दिया गया. उन्होंने बताया कि 'Google ने Play Store पर लोन ऐप्स को लेकर अपने नियमों को और सख्त कर दिया है. अब सिर्फ उन्हीं कंपनियों के लोन ऐप्स को Play Store पर रहने दिया जाएगा जो सरकार के नियमों का पालन करती हैं या सरकार से मान्यता प्राप्त किसी कंपनी के साथ मिलकर काम करती हैं. साथ ही, भारत में लोन ऐप्स के लिए और भी सख्त नियम बनाए गए हैं और इन्हें ना मानने पर कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी.'
साइबर अपराध से बचने के लिए हेल्पलाइन नंबर
उन्होंने बताया कि 'भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल लोन को लेकर नए नियम जारी किए हैं. इनका उद्देश्य है कि डिजिटल लोन देने की प्रक्रिया को साफ-सुथरा और सुरक्षित बनाया जाए, ताकि ग्राहकों को कोई परेशानी ना हो.' आगे कहा, 'गृह मंत्रालय (MHA) के भारतीय Cyber Crime Coordination Centre (I4C) डिजिटल लोन ऐप्स पर लगातार नजर रख रहा है.' उन्होंने साथ ही जोड़ा कि "नागरिकों को साइबर अपराधों, जिनमें अवैध लोन ऐप्स भी शामिल हैं, उसकी रिपोर्ट करने में मदद करने के लिए, गृह मंत्रालय (MHA) ने एक राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) और एक राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर '1930' शुरू किया है.'
उन्होंने कहा, 'लोगों को साइबर अपराधों के बारे में जागरूक करने के लिए, सरकार कई ज़रूरी कदम उठा रही है. इसमें सोशल मीडिया अकाउंट्स के ज़रिए साइबर सुरक्षा के सुझाव देना, किशोरों और छात्रों के लिए हैंडबुक प्रकाशित करना, सरकारी अधिकारियों के लिए 'सूचना सुरक्षा के बेहतरीन तरीके' प्रकाशित करना, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर साइबर सुरक्षा और जागरूकता सप्ताह आयोजित करना आदि शामिल हैं.'
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक और बैंकों ने भी कई तरह से साइबर अपराध के बारे में जागरूकता फैलाने के काम किए हैं. इसमें फोन पर मैसेज भेजना (SMS), रेडियो पर विज्ञापन देना और "साइबर अपराध" रोकने के तरीकों के बारे में जानकारी देना शामिल है.
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