रायपुर.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विधानसभा से एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मीसाबंदियों को सम्मान निधि राशि दी जाएगी। कांग्रेस सरकार ने मीसाबंदियों को सम्मान निधि राशि पर रोक लगा दी थी। विधानसभा में मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य में 1975 से 1977 के बीच आपातकाल के दौरान आंतरिक सुरक्षा रखरखाव अधिनियम (एमआईएसए) के तहत हिरासत में लिए गए लोगों की पेंशन बहाल की जाएगी।
विधानसभा में मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मीसाबंदियों के लिए सम्मान निधि पेंशन (पेंशन) फिर से शुरू की जाएगी। आपातकाल के दौरान मीसा के तहत बंदियों के लिए पेंशन योजना को 2019 में पिछली कांग्रेस सरकार ने रोक दिया था। जो 2008 में भाजपा शासन के दौरान राज्य में शुरू की गई थी।
मीसा बंदियों (लोकतंत्र सेनानी) को तीन अलग-अलग श्रेणियों में 10,000 रुपये से लेकर 25,000 रुपये तक पेंशन दी जाती थी। अपने विभागों की 8421.82 करोड़ रुपये की अनुदान मांगों पर विधानसभा में चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि पीएम-वाणी योजना के पहले चरण में 1000 ग्राम पंचायतों को वाईफाई सुविधा मिलेगी।
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