
भोपाल
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने ग्वालियर प्रवास के दौरान “जनजातीय अध्ययन एवं विकास केन्द्र” का लोकार्पण किया। इस केन्द्र की स्थापना प्रदेश की सबसे पिछड़ी जनजातियों में शुमार सहरिया जनजाति सहित प्रदेश की अन्य जनजातियों की संस्कृति के अध्ययन एवं विकास के उद्देश्य से राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय से संबद्ध कृषि विज्ञान केन्द्र परिसर में की गई है। राज्यपाल ने इस अवसर पर यहाँ लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
मेला रोड़ पर स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र परिसर में इस केन्द्र के लोकार्पण के बाद राज्यपाल श्री पटेल ने यहाँ पर कड़कनाथ मुर्गी पालन विषय पर चल रहे प्रशिक्षण में मौजूद श्योपुर व झाबुआ जिले के अनुसूचित जनजाति के कृषकों से उनकी आजीविका के बारे में चर्चा की। साथ ही सरकार द्वारा प्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए संचालित कल्याणकारी एवं रोजगारमूलक योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने जनजाति के हितग्राहियों का आह्वान किया कि वे सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर अपने आपको आत्मनिर्भर बनाएँ। साथ ही अपने समुदाय के अन्य लोगों को भी इसके लिये प्रेरित करें।
“जनजातीय अध्ययन एवं विकास केन्द्र” के लोकार्पण कार्यक्रम में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय पूसा के कुलाधिपति प्रो. पी एल गौतम, भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री दिनेश कुलकर्णी एवं राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो. अरविंद कुमार शुक्ला मौजूद थे।
“जनजातीय अध्ययन एवं विकास केन्द्र” के लोकार्पण कार्यक्रम में पहुँचे सभी अतिथियों का नोडल अधिकारी श्री शैलेन्द्र सिंह कुशवाह ने पुष्प-गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। इस अवसर पर इस केन्द्र की संचालन समिति के सदस्यगण डॉ. एस पी एस तोमर, डॉ. एस सी श्रीवास्तव एवं डॉ. जे एस राजपूत सहित कृषि विज्ञान केन्द्र के अन्य वैज्ञानिक उपस्थित थे।
More Stories
भोपाल में 1283 स्थानों पर प्रापर्टी की दरों में 18% तक की वृद्धि प्रस्तावित, कलेक्टर गाइडलाइन के लिए 19 मार्च तक सुझाव
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा- देश में होली, दीपावली तब तक मना सकते हैं, जब तक सनातनियों की संख्या ज्यादा
यूपी में होली के मौके पर दूसरे संप्रदाय के धार्मिक स्थलों पर रंग की छींटे न पहुंच सकें, प्रशासन की ओर से प्रयास किए गए