भोपाल
मार्च की शुरुआत ओले-बारिश के साथ होगी। अगले 3 दिन मौसम बदला रहेगा। शुक्रवार को ग्वालियर, उज्जैन समेत 22 जिलों में ओले-बारिश का अलर्ट है, जबकि भोपाल सहित 7 जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश होने का अनुमान है।
2 दिन पहले प्रदेश में हुई बे मौसम की बारिश एवं ओलावृष्टि में फसलों को भारी नुकसान हुआ इस बीच अब एक बार फिर मौसम का स्ट्रांग सिस्टम बना है इस सिस्टम के चलते आज एवं कल 2 दिन तक प्रदेश के कई जिलों में बारिश एवं ओले गिरने की संभावना है। मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए बारिश एवं ओले गिरने का अलर्ट जारी किया है।
मौसम में बदलाव 3 मार्च को होगा, इसके बाद मौसम खुलने की संभावना है। गौरतलब है कि फरवरी के पूरे महीने ही मध्यप्रदेश में मौसम बदला रहा। रात में तेज ठंड, दिन में गर्मी तो कभी आंधी, बारिश-ओले देखने को मिले। मार्च महीने की शुरुआत भी इसी प्रकार से हो रही है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार एक एवं दो मार्च को प्रदेश के कई जिलों में ओलावृष्टि एवं बारिश का अनुमान है। आईए जानते हैं मौसम की पूरी जानकारी..
एमपी में तीन सिस्टम एक्टिव
प्रदेश में फिलहाल तीन मौसमी सिस्टम एक्टिव है। अलग-अलग स्थानों पर बने तीन स्ट्रांग सिस्टम के चलते बंगाल की खाड़ी से नमी आने लगी है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में ईरान के पास बने एक प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ के कारण गुरुवार रात से उत्तर भारत के पहाड़ों पर जबरदस्त बर्फबारी एवं मैदानी क्षेत्रों में वर्षा शुरू हो सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) ईरान के आसपास चक्रवाती परिसंचरण के रूप में एक्टिव हो चुका है। इसके असर से दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के साथ अरब सागर से नमी आ रही है। मध्यप्रदेश में भी इसका असर देखने को मिलेगा।
फसलों को नुकसान होने की संभावना
मार्च की शुरुआत भी ओले- बारिश के साथ होगी। अगले 3 दिन मौसम बदला रहेगा। शुक्रवार को ग्वालियर, उज्जैन समेत 22 जिलों में ओले- बारिश का अलर्ट है जबकि भोपाल सहित 7 जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने किसानों के लिए भी एडवाइजरी जारी की है।
बारिश-ओले से खेतों में खड़ी गेहूं, चना आदि फसलों को नुकसान हो सकता है। वहीं, खलिहान में रखी गई फसलें भी खराब हो सकती हैं। इससे पहले प्रदेशभर में हुई तेज बारिश, ओले और आंधी की वजह से भोपाल, रायसेन, छिंदवाड़ा, सीहोर, शाजापुर, उज्जैन समेत प्रदेश के 20 जिलों में फसलें बर्बाद हो गईं।सरकार ने सर्वे शुरू कर दिया है।
एमपी के 22 जिलों में ओले- बारिश का अलर्ट
आज 1 मार्च को एमपी के उज्जैन, आगर-मालवा, बुरहानपुर, हरदा, बैतूल, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, शाजापुर, नरसिंहपुर, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, गुना, श्योपुरकलां, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, मुरैना, भिंड, निवाड़ी में ओले गिर सकते हैं।
वहीं, खरगोन, खंडवा, देवास, भोपाल, रायसेन, विदिशा, अशोकनगर में गरज-चमक के साथ बारिश होने का अनुमान है। इस दिन इंदौर, धार, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, नीमच, सीहोर, पन्ना, कटनी, सतना, मैहर, उमरिया, जबलपुर, डिंडोरी, मंडला, सिवनी, बालाघाट, शहडोल, अनूपपुर, सीधी, रीवा, मऊगंज, सिंगरौली में मौसम के साफ रहने का अनुमान है।
कल एवं परसों कैसा रहेगा मौसम
इसी के साथ 2 मार्च को भी प्रदेश के कई जिलों में बारिश होने की संभावना है Weather alert in MP मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार कल अर्थात 2 मार्च को उज्जैन, आगर-मालवा, शाजापुर, बुरहानपुर, बैतूल, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, सिवनी, नरसिंहपुर, रायसेन, सागर, विदिशा, गुना, श्योपुरकलां, शिवपुरी, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, भिंड, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, मैहर, रीवा, मऊगंज में ओले गिरने का अनुमान है।
वहीं, खरगोन, खंडवा, राजगढ़, भोपाल, अशोक नगर, दमोह, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, उमरिया में गरज-चमक के साथ बारिश होने का अनुमान है। इस दिन नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, इंदौर, देवास, सीहोर, हरदा, जबलपुर, कटनी, शहडोल, सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर में मौसम साफ रहने का अनुमान है। वहीं 3 मार्च अर्थात परसों प्रदेश के टीकमगढ़, सागर, छतरपुर, निवाड़ी, पन्ना, सतना, मैहर, रीवा, मऊगंज, उमरिया, डिंडोरी, मंडला और बालाघाट में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है। प्रदेश के बाकी जिलों में मौसम साफ रह सकता है।
ओले गिरने की भी आशंका
शुक्रवार को मध्य प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में Weather alert in MP मौसम का मिजाज बदलने लगेगा। राजधानी सहित, नर्मदापुरम, उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा का दौर शुरू हो सकता है। इस दौरान ग्वालियर, चंबल, सागर संभाग के जिलों में ओले गिरने की भी आशंका है। उधर पांच मार्च को एक नए पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने के भी संकेत मिले हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी अभिजीत चक्रवर्ती ने बताया कि वर्तमान में ईरान के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। कोंकण से लेकर केरल तक एक द्रोणिका बनी हुई है। बंगाल की खाड़ी में प्रति चक्रवात अभी भी मौजूद है। हवाओं का रुख भी दक्षिण-पूर्वी बना हुआ है।
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